धान कटाई के लिए मजदूर नहीं मिलने से किसानों की बढ़ी परेशानी मजदूरों का पलायन बना मुख्य कारण

केरसई: प्रखंड क्षेत्र में किसानों के अधिकांश धान की फसल पक चुकी है, जिसे किसान कटाई कर खेतों से लाने का काम शुरू कर दिये हैं। इस वर्ष देर से बारिश होने के कारण तैयारी कर अधिकांश किसान धानरोपनी का कार्य नहीं कर सके, जिसके कारण अधिकांश खेत सूखे पड़े हैं। जबकि कुछ किसान बारिश के बाद अगस्त के अंतिम सप्ताह एवं सितंबर के पहले सप्ताह में धान की रोपाई किये थे। जिसमें अभी धान की बाली आनी शुरू हो गयी है। वहीं अगस्त से पूर्व जो किसान धान की रोपनी किये हैं, वैसे किसानों का धान पककर तैयार हो चुका है, जिसे किसान तेजी से कटाई करने की तैयारी कर रहे हैं।वहीं ऊँचाई वाले स्थानों में धान की कटाई कर किसान आलू, चना,मटर एवं गेंहू लगाने के लिए खेत तैयार कर फसल बुवाई कर रहे हैं। धान की खेती समय से नहीं होने के कारण अधिकतर मजदूर पलायन कर चुके हैं।जिस कारण फसलों की कटनी के लिए मजदूर नहीं मिलने से किसानों की परेशानी बढ़ गई है, जिन किसानों ने अगस्त से पूर्व धान की खेती की, वैसे किसानों की अच्छी बारिश होने से धान की फसल अच्छी हुई है लेकिन कटाई के लिए मजदूरों की कमी देखी जा रही है।


इधर केरसई के मनीष कुमार ने जानकारी ली जिसमें सरईटोली निवासी सामुएल खाखा ने बताया कि केरसई प्रखंड अंतर्गत क्षेत्रों में इस वर्ष लगभग 60 प्रतिशत उपजाऊ भूमि पर धान की खेती हुई है। अच्छी पैदावार होने के बावजूद समय से धान की कटनी नहीं होने के कारण किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, पकने के बाद धान की बालियां झड़ने लगती है। खासकर जो उच्च क्वालिटी के धान होते हैं उनकी बालिया और जल्दी झड़ती है, जिससे की आर्थिक नुकसान का डर बना रहता है।धान की अच्छी फसल देखकर किसानों में खुशी व्याप्त है। इसके बावजूद किसानों की चिंता का कारण फसलों की समय से कटाई व अन्य फसलों की बुवाई को लेकर है। खिली धूप से तैयार हो चुकी फसल तेजी से पक रही है। लेकिन उन्हें काटने के लिए किसानों को मजदूर नहीं मिल रहे हैं क्योंकि क्षेत्रों के बड़े हिस्सों से मजदूर पलायन कर चुकें हैं। जिससे कि किसानों को फसलों की कटाई संबंधी कारणों से गहरा संकट दिखाई पड़ रहा है।

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