सिमडेगा :ब्लाॅक सभागार में मंगलवार को आंगनबाङी सेविकाओं को महिला हिंसा के उन्मूलन के वैश्विक 16 दिवसीय अभियान के तहत डायन कुप्रथा और यौनिक हिंसा के बारे में एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। इस प्रशिक्षण में 135 से भी ज्यादा आंगनबाड़ी बहनों ने भाग लिया। इसका संचालन सखुआ की एडिटर मोनिका मरांङी और नेशनल कौंसिल फाॅर वूमेन लीडर्रस की अगुस्टीना सोरेंग ने किया। इस प्रशिक्षण में महिलाें को हिंसा से पीङित महिलाओं के कानूनी अधिकारों के बारे विस्तार से बताया। साथ ही, महिला हिंसा के खिलाफ वैश्विक 16 दिवसीय अभियान के बारे भी जानकारी दिया कि महिलाओं को सुरक्षित और हिंसामुक्त वातावरण दिलाने के लिए यह अभियान अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 25 नवंबर से 10 दिसंबर तक चलाया जाता है। जिससे कि समाज को महिलाओं के लिए गरिमापूर्ण वातावरण बनाने के लिए जागरुक किया जा सके और महिलाओं को हिंसा के खिलाफ आवाज उठाने के लिए प्रेरित कर सकें तथा महिलाओं के लिए बने कानूनों को और जवाबदेह बनाने के लिए सभी मिलकर काम कर सकें। और समाज को महिलाओं को बराबर मनाने और सम्मान देने के लिए उत्प्रेरित करना इस अभियान का उद्देश्य है। इसलिए आंगनबाङी सेविकाएं जो कि जमीनी स्तर पर महिलाओं और लङकियों के साथ काम करती हैं को कानूनी रुप से जागरुक कर गांवों तक जानकारी पहुँचाने के लिए उन्हें उत्प्रेरित कर सामाजिक बदलाव में एकजुट होने के लिए इस अभियान के माध्यम से महिलाओं की गरिमा और सम्मान स्थापित करने की दिशा में और सक्रिय पहलकदमी हो सके। आंगनबाङी सेविकाओं नें आतंरिक समिति का गठन करने से महिला कर्मियों को सहूलियत और जागरुकता की बात साझा किया चूंकि समिति नहीं है और कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीङन कानून का प्रचार प्रसार करने का भी निवेदन किया है ताकि महिलाएँ सशक्त हो सकें। कार्यक्रम में मुख्य तौर पर विजयालक्ष्मी कुमारी सुपरवाईजर सिमडेगा, तारामती देवी सुपरवाईजर, अंजलि कुमारी , मेरी भैलेट बाः, मनीष मिंज और आंगनबाङी सेविकाएँ उपस्थित थीं।
