मुख्यमंत्री का फूंका पुतला , संथाली को प्रथम राजभाषा का दर्जा देने की है मांग

बोकारो:-आदिवासी सेंगेल अभियान पेटरवार प्रखंड कमिटी के द्वारा कोविड नियमों का अनुपालन करते हुए संथाली भाषा को प्रथम राजभाषा का दर्जा नही दिए जाने के विरोध में पेटरवार स्थित तेनुचोक में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन का पुतला दहन किया गया। इसके पूर्व प्लस टू हाई स्कूल के मैदान से सेंगेल कार्यकर्ताओं ने हाथों में तख्तियां लेकर झारखंडी भाषा विरोधी होश में आओ, संथाली भाषा का राजभाषा का दर्जा देना होगा आदि नारे लगाए गये। मौके पर अभियान के प्रदेश अध्यक्ष देवनारायण मुर्मू ने कहा कि हेमंत सरकार भारत की प्रथम बड़ी आदिवासी भाषा- संताली, जो राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त है को अनुच्छेद 345 के तहत प्रथम राजभाषा का दर्जा नहीं दे रही है। उल्टा गैर झारखंडी भाषाओं को थोप रही है।भाषा संस्कृति ही झारखंड की पहचान व आत्मा है। उन्होंने कहा कि सेंगेल 9 झारखण्डी आदिवासी मूलवासी भाषाओं को आगे बढ़ाते हुए संताली राजभाषा, सरना धर्म कोड, असम- अंडमान के झारखंडी आदिवासियों को एसटी का दर्जा आदि मामलों को लेकर आगामी अप्रैल माह में रांची चलो और जून माह में दिल्ली चलो का जोरदार कार्यक्रम किया जाएग।

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