सुनियोजित ढंग से की गई है संजू प्रधान की हत्या,सरकार कराये सीबीआई जांच:-रघुवर दास

सिमडेगा:- भले ही संजू प्रधान की मोब लिंचिंग की घटना के बाद उसकी चिता की आग ठंडी हो चुकी है। लेकिन इधर राजनीति पूरी तरह से गर्म हो चुकी है लगातार एक के बाद एक बड़े दिग्गज नेताओं का बेसराजरा गांव में आगमन हो रहा है। शनिवार को राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास बेसराजारा में हुए 4 जनवरी को लकड़ी चोरी का आरोप लगाते हुए गांव के संजू प्रधान को उन्मादी भीड़ के द्वारा पीट-पीटकर अधमरा करते हुए बाजार के निकट ही लकड़ी की चिता बनाकर जिंदा जला देने के मामले में जानकारी लेने के लिए पहुंचे।जहां पर उन्होंने सर्वप्रथम दिवंगत संजू प्रधान की तस्वीर पर श्रद्धांजलि दिया।जिसके बाद उन्होंने पीड़ित परिवार से मुलाकात की पीड़िता पत्नी सपना देवी ने आंखों में आंसू लिए घटना का वृतांत बताया और कहा कि पति पूरी तरह से निर्दोष था। पति लकड़ी खरीद कर जंगल से काटकर लाया था। जिसे तस्करी का आरोप लगाकर फंसा दिया गया। वहीं पीड़िता ने कहा कि क्षेत्र में गौ तस्करी एवं अन्य चीजों पर पति आवाज उठाता था।जिसके लिए हमेशा वह नजरों में चढ़ा हुआ था और उन्हें एक षड्यंत्र के तहत इस घटना में जिंदा बलि चढ़ा दिया गया। पत्नी ने कहा कि घटना के दिन पति पत्नी घर पर थे जिसे ग्राम प्रधान के द्वारा घर पर आकर उसे जबरन उठाकर ले गया। घर से महज कुछ दूरी पर बिना किसी सवाल किए हुए उसे मारने लगे। जिसके बाद उन्मादी भीड़ लगातार सभी तरफ से उन पर टूट पड़े। यहां तक की पत्नी बीज बचाओ पर गई तब उन्हें भी धक्का मारते हुए बाहर कर दिया। इसके बाद उसे आग के हवाले कर दिया और आंखों के सामने देखते देखते पति की चिता जल गई। आगे कहा कि इस मामले में जितना दोषी गांव के हैं उतना ही दोषी पुलिस वाले है क्योंकि घटना के समय पुलिस वहां पर मौजूद रही और बार-बार गिड़गिड़ाने के बावजूद पुलिस ने किसी की नहीं सुनी और ना ही इस मामले में किसी प्रकार की कार्रवाई की। बल्कि छुप-छुपकर पुलिस के द्वारा घटना का वीडियो बनाया गया। पत्नी ने कहा कि जब पति की घटना हो चुकी उसके बाद मेरी बेसुधगी की हालत का फायदा उठाते हुए पुलिस ने सादा पन्ने पर हस्ताक्षर करा कर मेरे ही परिवार के कुछ लोगों का भी नामजद आरोपी बना कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
कोलेबिरा विधायक ने भी जल जंगल जमीन के नाम पर लोगों को भड़काने का आरोप
इधर पत्नी ने कोलेबिरा विधायक के ऊपर भी आरोप लगाते हुए कहा कि हाल ही के दिन में 28 दिसंबर को खूंटकटी जतरा का आयोजन किया गया था। जहां पर कोलेबिरा विधायक नमन बिक्सल कौगाड़ी पहुंचे थे। जहां पर उन्होंने गांव वालों को जल जंगल जमीन के नाम पर उन्हें भड़काने का काम किया था ।उसके बाद कुछ ही दिन में पति के साथ घटना हुआ।इससे पता चलता है कि विधायक के द्वारा गांव वालों को इस मामले पर उत्साहित की गई।पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि यह मॉब लिंचिंग की घटना इत्तेफाक नहीं बल्कि या एक पूर्व सुनियोजित घटना थी।जिसे मॉब लिंचिंग का रूप दिया गया है। पुलिस को राज्य और देश की जनता की सुरक्षा की जिम्मेदारी मिली है लेकिन पीड़ित परिवार पुकारता रहा पैर पकड़कर गिड़गिड़ाते रहा लेकिन परिवार की रक्षा के बजाएं अत्याचारों का साथ दिया। जब से ठग बन्धन की सरकार झारखंड में बनी तब से घटनाएं बढ़ी है।पहली कोई भी संवेदनशील मामले में भारत सरकार सीधे कोई मामले को सीबीआई से जांच करा सकते थे ।लेकिन ठग गठबंधन लुटेरों का सरकार बनी,जब से अबुआ राज में बबुआ मुख्यमंत्री बना और जल जंगल जमीन का जिस तरह माफियाओं के द्वारा जमीन कब्जा करना अवैध जंगल की कटाई करना या फिर प्राकृतिक संसाधन का लूट का छूट के डर से हेमंत जी की सरकार ने कहा सीबीआई जब भी आए तो हम से पूछ कर आए। उन्होंने कहा अगर सरकार की नियति है तो सारे मामले को सीबीआई से जांच करे। और उन्होंने कहा जो सबसे रोचक बात है जो मृतक की पत्नी ने बताया कि घटना के चार-पांच दिन पहले ही 4 तारीख को क्षेत्र के माननीय विधायक ने जिस तरह जल जंगल जमीन और खूंटकटी के नाम पर लोगों को भड़काने का काम किया और उसी भड़काने के कारण यह घटना घटी। मैं इसे हत्या का घटना नहीं मानता बल्कि पाशविक अत्याचार है और इसमें कहीं नहीं क्षेत्र में भगवान बिरसा मुंडा की संस्कृति को नष्ट करने का काम करने वाली शक्तियां काम कर रही।अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति पर लगातार अत्याचार में वृद्धि हुई है। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर 48 घंटे के अंदर झूठे आरोप लगाकर भेजे गए तीन परिजनों को नहीं छोड़ा गया तो भारतीय जनता पार्टी आंदोलन करेगी। मौके पर भाजपा की ओर से ₹100000 का पीड़ित परिवार को चेक दी गई।
सिमडेगा पुलिस खुद दोषी, पुलिस के न्याय पर संदेह
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि जिस सिमडेगा में यह घटना घटी है वहां के एसपी पर सोना चांदी चोरी मामले में संलिप्तता को लेकर विभागीय कार्रवाई चल रही हो वैसे पदाधिकारी के ऊपर न्याय का विश्वास रखना पूरी तरह से सरासर गलत होगा। उन्होंने कहा कि राज्य के हेमंत सोरेन की सरकार वोट बैंक की राजनीति के तहत ऐसे पदाधिकारियों को पोस्टिंग किया है ताकि वोट बैंक की राजनीति एवं तुष्टीकरण की राजनीति होती रहे। प्रतिनिधिमंडल में मुख्य रूप से पूर्व विधायक विमला प्रधान ,जिला अध्यक्ष लक्ष्मण बड़ाईक, नगर उपाध्यक्ष ओम प्रकाश साहू, श्याम लाल शर्मा, श्रादानंद बेसरा, सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।

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