जलडेगा:जलडेगा में बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत किसानों को दी जा रही फलदार पौधों की शिकायत आ रही है। किसानों का कहना है की बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत दी जा रही अमरूद का पौधा काफी कमजोर है, पौधों का ग्राफ्टिंग भी सही तरीके से नहीं हुआ है। यही नहीं कुछ किसानों ने तो ये भी कहा कि महज 10 से 15 दिन पहले ही ग्राफ्टिंग किया हुआ पौधा को भेजा गया है। कहीं ग्राफ्टिंग का प्लास्टिक खुलने से पौधा का जुड़ाव खुल गया है तो कहीं पौधा का ऊपरी भाग ग्राफ्टिंग से अलग हो गया है। ऐसे में किसानों का कहना है कि यदि वे पौधा को लेकर लगाएंगे भी तो पौधा को बचा पाना संभव नहीं है। बता दें कि जलडेगा प्रखंड में बिरसा हरित ग्राम योजना 2023-24 के तहत सभी दस पंचायतों में कुल 300 लाभुकों के 250.5 एकड़ जमीन पर बागवानी किया जाना है।किसानों ने कहा कि उन्हें कमजोर पौधा लेने के लिए कहा जा रहा है, ऐसे में वे डरे हुए हैं कि कमजोर पौधा लगाने के बाद यदि पौधा मर जायेगा तो बाद में प्रशासन किसान को ही लापरवाही के आरोप में रिकवरी करने के लिए मजबूर करेगी इससे तो अच्छा है की बागवानी ही न लें।
