देख लो सरकार! जिस गांव में बिजली के खंभे तक नहीं लगे वहां घरों में लगा दिए गए हैं मीटर

सेमेरिया के ग्रामीण बिजली के लिए करेंगे वोट बहिष्कार

जलडेगा: प्रखंड के सेमरिया गांव में एक अजीबो-गरीब वाक्या सामने आया है। लमडेगा पंचायत अंतर्गत आने वाले इस गांव में आज तक बिजली नहीं पहुंची, लेकिन वहां के ग्रामीणों को बिजली के मीटर थमा दिए गए हैं। ग्रामीण अपने हाथों में मीटर लिए खड़े हैं, उन्हें समझ नहीं आ रहा की वह इसका करेंगे क्या। चारो ओर जंगलों से घिरे आदिवासी बहुल गांव के लोग आज भी बिजली के लिए टकटकी लगाए हुए हैं। आज भले ही जगह-जगह विकास यात्रा निकाली गई, लेकिन यह गांव आज भी विकास से कोसों दूर है। बता दें कि गांव में आजादी के बाद से आज तक बिजली सप्लाई लाइन नहीं पहुंची है। यहां के लोग कई साल से गांव को बिजली से जोड़ने की मांग हर स्तर पर करते आ रहे हैं। ग्रामीणों ने पंचायत स्तर पर मुखिया, जिले के उपायुक्त और स्थानीय विधायक से भी शिकायत की लेकिन हर जगह ग्रामीणों को सिर्फ आश्वाशन ही हाथ लगी। यहां तक की बिजली विभाग ने भी इन ग्रामीणों से मजाक कर दिया। गांव में न तो बिजली के पोल लगाए गए, न ही बिजली सप्लाई लाइन तार बिछाए गए हैं।ग्रामीण कृष्णा बड़ाईक, मुकेश बड़ाईक, इंद्रजीत बड़ाईक, सुरेश बड़ाईक, रतन बड़ाईक, घुरन बड़ाईक, तपेश्वर बड़ाईक, राजा बड़ाईक, रीता देवी, बसंती देवी, झरियो देवी, बितनी देवी, सावित्री देवी, सोनिया कुमारी, संतोष बड़ाईक आदि ने बताया कि सेमरिया गांव में लगभग 160 परिवार हैं और वर्ष 2020 में बिजली विभाग के कर्मचारियों ने ग्रामीणों के परिवार के मुखिया के आधार कार्ड का संग्रह कर लिया और कहा कि जल्द ही आपके घर बिजली लगा दी जाएगी। इसके बाद बिजली विहीन इन परिवारों के लिए बिजली के मीटर भी थमा दिए गए। जिसके बाद लोगों ने निर्णय लिया की आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव से पहले यदि गांव में बिजली नहीं पहुंचेगी तो गांव के एक भी मतदाता अपना मतदान नहीं करेंगे। सबने वोट बहिष्कार का निर्णय लिया है।

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