सिमडेगा :फाइलेरिया मुक्त जिला बनाने के लिए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयासरत है। सिमडेगा में शनिवार को फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की शुरुआत की गई।डीडीसी संदीप कुमार दोराईबुरु एवं सिविल सर्जन डॉ अजित ख़लखो ने सदर अस्पताल में दीप प्रज्ज्वलित कर और खुद फाइलेरिया की दवा खाकर इस अभियान की शुरूआत की।इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ अजीत खलखो ने बताया कि फाइलेरिया की सिमडेगा जंगलों से भरा जिला है। यहां मच्छर काफी होते हैं. इसी मच्छर से फाइलेरिया की शिकायत बढती है। इसलिए सिमडेगा में फाइलेरिया से बचाव आवश्यक है। उन्होंने कहा कि कई लोगों के द्वारा गलत जानकारी मिलने की वजह से लोग दवा नहीं खाते हैं ऐसे लोग फाइलेरिया रोग से ग्रसित हो जाते हैं ऐसे में लोगों को जागरूक होने की आवश्यकता है और शत प्रतिशत से मिलेगा जिले के सभी क्षेत्रों में या दवा खिलाने का कार्य किया जाए ताकि सिमडेगा जिले को पूरी तरह से फाइलेरिया मुक्त जिला बनाया जा सके। वहीं उन्होंने बताया कि यह अभियान 25फरवरी तक चलेगा

जिसमे जिले के 639656 लोगों को फाइलेरिया की दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है। रविवार से एएनएम,सहिया आदि घर घर जाकर लोगों को दवा खिलायेंगे। दवा खाने के तरीके बताते हुए स्वास्थ्य कर्मियों ने बताया कि दवा कुछ खाने के बाद ही खाया जाता है। साथ ही गंभीर बीमारी के मरीज,गर्भवती स्त्री और दो वर्ष से कम आयु के बच्चे इस दवा का प्रयोग नहीं कर सकते हैं।डीडीसी ने जिले वासियों से इस दवा का सेवन करने की अपील की है। व्हाई इस मौके पर सदर अस्पताल की उपाधीक्षक डॉक्टर राजेश कुमार मैनेजर, अलका कुल्लू, सदर अस्पताल सिमडेगा एएनएम ट्रेंनिंग स्कूल की प्राचार्य एवं ट्रेनिंग स्कूल की छात्राएं मौजूद रही।