भारत सूफी संतो की भूमि: मौलाना नूर आलम

ख्वाजा गरीब नवाज कांफ्रेंस सह दस्‍तारबंदी कार्यक्रम का आयोजन 

सिमडेगा:बनारस के मौलाना नूर आलम ने कहा कि भारत सूफी संतो की भूमि है। और ख्वाजा गरीब नवाज अल्लाह के वली है। जो भी लोग उनके दर पर जाकर मुरादें मांगते है वे अल्लाह के फजल की बुनियाद पर उनकी मुरादें पूरी करते है। मौलाना नूर आलम 20 फरवरी की रात इस्लामपुर स्थित हारुण रशीद चौक पर आयोजित जश्न ख्वाजा गरीब नवाज कांफ्रेंस सह दस्‍तारबंदी कार्यक्रम में उपस्थित इस्लाम धर्मावलंबियो को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज से चौदह सौ वर्ष पहले पैगम्बर मोहम्मद ने दुनिया वालों को जो बातें बतायी थी, वह सत्य है। उन्होंने कहा कि ख्वाजा गरीब नवाज अल्लाह के वली है। उन्होंने समस्त लोगों से अल्लाह के वलियों से मोहब्बत करने की अपील की। वहीं उन्होंने उपस्थित लोगो से अपने अपने बच्चों को इस्लामी शिक्षा देने की भी जरुरत बतलाते हुए मजिस्दों में पांच वक्त नमाज पढ़ने की बात कही। साथ ही उन्होंने अपने गुनाहो से तौबा करने की अपील करते हुए सभी लोगो से प्रेम और भाईचारे के साथ रहकर जिंदगी गुजारने की बात कही। उन्‍होने रोटी,कपडा और मकान से पहले अपने बच्‍चों को अच्‍छी शिक्षा देने पर जोर देते हुए कहा कि इस्‍लाम अमन व शांति का मजहब है। उन्होंने कहा कि ख्वाजा गरीब नवाज जब हिंदुस्तान आए तो उनके पास सिर्फ कुरान, तस्बीह और जायनमाज था। उन्होंने अपने किरदार से हिंदुस्तान में इस्लाम धर्म को परवान चढ़ाया। और वे अपने फजल की बुनियाद पर किसी को हिंदुस्तान की हुकुमत सौंप दी। उन्होंने कहा कि ख्वाजा गरीब नवाज की बहुत सारी करामते है। मौलाना नूर आलम ने कहा कि अल्लाह के वली अपने कब्रो में आज भी जिंदा है। जो कोई भक्ति और श्रद्धा से उनकी कब्रो पर जाकर मन्नतें मांगता है निश्चित रुप से वे अल्लाह के फजल की बुनियाद पर मंगतो की मन्नतें पूरी होती है। मौके पर सिवान बिहार से आए मौलाना जावेद हसन अमजदी ने भी ख्‍वाजा गरीब नवाज की करामतें पेश करते हुए सुफी संतो से मुहब्‍बत करने की अपील की। उन्होंने शिक्षा पर विशेष फोकस करते हुए दीनी शिक्षा के साथ साथ दुनयावी शिक्षा पर भी जोर दिया। कांफ्रेंस में मुजफ्फरपूर के मुफ्ती हामिदुल कादरी ने भी इसलाहे माअशारा से संबंधित कई जानकारियां दी। जलसे में धनबाद के मशहूर शायर जुनैद जामी ने भी बेहतरीन अंदाज में कलाम पेश किया। उनके नातिया कलाम में जिस घर में बेटी नहीं वह घर अच्छा नहीं लगता है आदि नातिया कलाम पर  लोग झुमने पर मजबूर हो गए। वहीं मंच संचालन की जिम्मेवारी अब्दुल रउफ ने निभाई। अंत में सलातो सलाम के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया। जलसे की सदारत मदरसे के मोहतमिम मौलाना रौशनुल कादरी ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में अंजुमन फैजुर्रजा के सदर मो रुस्तम, सिकेट्ररी मो कलाम, मिस्टर, मो सिराजुददीन उर्फ बबलू सहित अंजुमन के सभी सदस्यों की सक्रिय भूमिका रही।

मदरसे के पांच छात्रों को बांधी गई दस्‍तार

जश्‍न ख्‍वाजा गरीब नवाज कांफ्रेंस सह दस्‍तारबंदी कार्यक्रम में मदरसा फैजुररजा के पांच छात्रों द्वारा कुरान को कंठस्‍थ करने पर दस्‍तार बांधी गई। जिसमें हाफिज हिदायत, हाफिज साकिर, हाफिज सरफराज, हाफिज रेसालत और हाफिज अलकमर के द्वारा कुरान को कंठस्‍थ करने पर बाहर से आए मौलाना के हाथों दस्‍तार बांधा गया।

Related posts

Leave a Comment