चैनपुर:– राज्य सरकार अवैध खनन को रोकने के लिए टास्क फोर्स बनाई है। लेकिन चैनपुर प्रखंड सहित पूरे चैनपुर के नातापोल, सेमला बारटोली, लंगड़ा मोड़, बरवेनगर, श्रीनगर सहित विभिन्न गांवों में अवैध उत्खनन कर बांग्ला ईंट भट्ठा लगाया जा रहा है। बांग्ला ईंट भट्ठा के नाम पर सरकार के राजस्व को चूना लगाया जा रहा है। अधिकारियों की मिलीभगत से विभिन्न जगहों पर अवैध रूप से बांग्ला ईंट भट्ठों का संचालन किया जा रहा है। बिना किसी रोक टोक के धड़ल्ले से चलाए जा रहे हैं। जानकार बताते हैं कि बांग्ला ईंट भट्ठा लगाने की अनुमति निजी काम की शर्त पर दिया जाता है। लेकिन इसका व्यवसायिक उपयोग किया जा रहा है। इससे सरकार को राजस्व की हानि के साथ साथ इसे पकाने के दौरान निकल रहे धुआं से प्रदूषण भी बढ़ रहा है। लेकिन इसे रोकने के लिए प्रशासन गंभीर नहीं है। ये ईंट भट्ठे वाले पर्यावरण एवं श्रम कानून को भी धत्ता बता रहे हैं। इन बांग्ला ईंट भट्ठा संचालकों के पास न तो पर्यावरण विभाग की एनओसी है और ना ही ईंट भट्ठा का लाइसेंस। ये ईंट भट्ठे पर काम करने वाले मजदूरों के लिए भी जानलेवा साबित हो रहे हैं।किसी संचालक के पास नहीं है एनओसी

केवल घरेलू उपयोग के लिए लगाने का है प्रावधान
बांग्ला ईंट भट्ठा लगाने का प्रावधान केवल घरेलू उपयोग के लिए ही होता है, व्यवसाय के लिए नहीं। इसके लिए जिला खनन विभाग से आदेश लेना पड़ता है। लेकिन चैनपुर में बड़ी संख्या में ईंट भट्ठा व्यावसायिक उपयोग के लिए लगाए जा रहे हैं। इसमें अहम बात यह है कि किसी भी सरकारी भवन निर्माण के इस्टीमेट में चिमनी भट्ठा का ईंट लगाने का प्रावधान रहता है। लेकिन ठेकेदार अधिक लाभ कमाने के चक्कर में चिमनी भट्ठा की जगह बांग्ला भट्ठा के ईंट का उपयोग करते हैं। इससे सरकार के राजस्व की चोरी होती है।