जिला प्रशासन के सार्थक प्रयासों ने शहर की सुंदरता बढ़ाने वाले मजदूरों के चेहरे पर लाई मुस्कान। सिमडेगा नगर परिषद के सफाईकर्मियों के चेहरे में उस समय मुस्कान आ गई। जब उनका वर्ष 2018 से बकाया डीए का पैसा उनको मिला। नगर परिषद की कार्य शिथिलता के कारण यहां कार्य करने वाले सभी सफाईकर्मियों का डीए जो वर्ष में बढता था, नहीं बढ पाया और वर्ष 2018 से डीए का पैसा भी इनका बकाया रखा गया था। जिससे इनको खासी परेशानी होती थी। उपायुक्त सिमडेगा सुशांत गौरव मामले पर संज्ञान लेते हुए अनुमण्डल पदाधिकारी महेन्द्र कुमार को सारे मामले की जांच कर गरीबों का हक दिलाने का निर्देश दिया। अनुमंडल पदाधिकारी ने उपायुक्त के निर्देश पर नगर परिषद के पुराने कागजातों की जांच की जिसमें पाया कि सफाई कर्मियों के हक का पैसा नगर परिषद की लापरवाही के कारण अटका पड़ा है।अनुमंडल पदाधिकारी ने एक एक कागजातों की जांच करते हुए सफ़ाई कर्मियों का सारा बकाया सभी के खाते में जमा करवाया। नगर परिषद कार्यालय सभाकक्ष में अनुमंडल पदाधिकारी ने बताया कि जांच के दौरान पता चला कि सफाई कर्मियों के डीए का 594000 रूपया बकाया था। जिसे नगर परिषद सिमडेगा ने सोमवार को सभी के खाते में जमा करवा दिया है। उन्होने बताया कि इसके साथ हीं पूर्व की एजेंसी की गडबड़ी के कारण इनके इपीएफ की सही जानकारी भी सफाई कर्मियों को नहीं मिल पा रही रही थी उसका भी समाधान करा दिया गया है। सभी का मोबाइल उनके इपीएफ से टैग कर दिया गया है। जिससे उन्हे समय समय पर जानकारी मिलती रहेगी। साथ हीं जिनका इपीएफ शुरू नहीं हुआ था उनका भी इपीएफ शुरू करवा दिया गया है। मौके पर नगर परिषद अध्यक्ष पुष्पा कुल्लु, कार्यपालक नगर परिषद देव कुमार राम उपस्थित थे।
