गुमला :जिले के गुरदारी थाना क्षेत्र के कुंजामपाठ माइंस में नक्सली संगठन माओवादियों के द्वारा झारखंड के सबसे बड़ा आगजनी की घटना को अंजाम दिए जाने के मामले में घटना में संलिप्त माओवादियों का सहयोगी बुधराम उरांव गाढा कुजाम निवासी को गिरफ्तार कर गुमला पुलिस ने जेल भेज दिया है। इस संबंध में इंस्पेक्टर श्यामानंद मंडल ने बताया कि गुप्त सूचना मिला था कि कुजामपाठ माइंस में आगजनी में मुख्य भूमिका बुधराम के द्वारा रेकी करने का काम किया गया था।जिसके बाद से पुलिस बुधराम को पकड़ने के लिए जब कुंजामपाठ के तरफ गया तो कुंजाम माइंस के समीप ही बुधराम को पुलिस ने धर दबोचा। बुधराम कुंजामपाठ माइंस में दर्जनों गाड़ी जलाने वाले घटना में माओवादियों के साथ मिलकर सक्रिय भूमिका निभाया था। उसी की देखरेख में पूरे घटना को माओवादियों ने अंजाम दिया था। इंस्पेक्टर श्यामानंद मंडल ने बताया कि बुधराम 2011 से नक्सली संगठन माओवादी के बुद्धेश्वर व रंथु से संपर्क में था। 2015 में रंथु के द्वारा बुधराम को ₹15000 दिया गया था जिससे वह 6 जोड़ी जूता माओवादियों को पहुंचाया था। जिसके बाद से लगातार वह माओवादी के संपर्क में था। माओवादी का जब भी उस इलाके में आना जाना होता था तो बुधराम ही खाना पीना व रास्ता दिखाने का काम करता था। माओवादियों के द्वारा कुरुमगढ़ थाना को जिस दिन विस्फोट कर उड़ा या गया था तो माओवादी सदस्यों के लौटने के क्रम में बुधराम के द्वारा ही बिशनपुर थाना क्षेत्र के चिंगरी के समीप से उन लोगों को सनई जाने वाले रास्ते जाने के लिए रास्ता में रेकी करने का काम किया था। बुधराम के द्वारा पुलिस की हर गतिविधि को माओवादियों तक पहुंचाया जाता था। इस बात को बुधराम भी स्वीकार करते हुए बताया कि कुजाम वाले घटना में उसकी भूमिका थी लेकिन उसे बाद में पछतावा था कि इलाके में इस तरह की घटना घट जाने से बेरोजगारी का माहौल उत्पन्न हो गया है सैकड़ों लोग इलाके से पलायन भी कर रहे हैं जिसका उससे बहुत अफसोस था।
