सुब्रतो मुखर्जी कप टूर्नामेंट में झारखंड की प्रतिनिधित्व कर रही चैनपुर की टीम फाइनल तक तय की सफर

चैनपुर-: अखिल भारतीय सुब्रतो मुखर्जी कप टूर्नामेंट में झारखंड का प्रतिनिधित्व कर रही चैनपुर प्रखंड के बारवे उच्च विद्यालय की टीम ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए फाइनल में जगह बनाई। हालांकि टीम पेनाल्टी कॉर्नर मिलने के कारण 2-0 से पिछड़ गई। झारखंड का नेतृत्व करने वाली टीम के बेहतर प्रदर्शन के लिए बेस्ट कोच शंभूनाथ उरांव को 25 हजार का चेक वही बेस्ट प्लेयर आकाश मारदी को 40 हजार व पूरे टीम को कप और 1 लाख 25 हजार का पुरस्कार मिला है। पूरे देश में झारखंड का नाम रोशन करने वाली बरवे उच्च विद्यालय की टीम को प्रखंड वासियों ने सराहा है। विद्यालय के प्रधानाध्यापक फादर राजेंद्र तिर्की व फा. अजीत कहा के अखिल भारतीय सुब्रतो मुखर्जी कप टूर्नामेंट में झारखंड का प्रतिनिधित्व कर रही बरवे उच्च विद्यालय की टीम ने बेहतर प्रदर्शन किया है। कई राज्यों से खेल रहे दिग्गज टीम के खिलाड़ियों को पछाड़ते हुए फाइनल में जगह बनाई है। यह बरवे क्षेत्र समेत पूरे झारखंड के लिए गर्व की बात है। झारखंड के छोटे से गांव से निकलकर पूरे राज्य का प्रतिनिधित्व करते हुए फाइनल तक पहुंचना इन बच्चों का खेल के प्रति समर्पण को दर्शाता है। खेल में हमारे क्षेत्र के खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन करें इसके लिए सरकार इनकी मदद करनि चाहिए। वही विद्यालय के अध्यापक नंदू साहू सुबीर कुजूर ने कहा कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में अभाव की कमी के बावजूद इतना बेहतर प्रदर्शन करते हुए फाइनल तक पहुंचने वाली टीम को पूरे स्कूल परिवार की ओर से हार्दिक बधाई। बरवे उच्च विद्यालय की टीम ने पूरे झारखंड का नेतृत्व करते हुए अखिल भारतीय सुब्रतो मुखर्जी कप फुटबॉल टूर्नामेंट में कई राज्यों के बेहतर टीमों को हराते हुए फाइनल में जगह बनाई। पूरे झारखंड का मान सम्मान बढ़ाया। हमारे क्षेत्र के खिलाड़ियों में प्रतिभा की कमी नहीं है बस उन्हें निखारने की आवश्यकता है। सुदूरवर्ती क्षेत्र से निकलकर दिल्ली जैसे बड़े शहर में आकर अपना परचम लहराने वाले इन खिलाड़ियों को बेहतर सुविधा की आवश्यकता है। तो ये और बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं इनका समर्पण ही इन्हें खेल के क्षेत्र में और आगे ले जाएगा।
इस मौके पर जेएमएम के जिला उपाध्यक्ष सुशील दीपक मिंज ने कहा कि पूरे झारखंड का प्रतिनिधित्व करते हुए हमारे बर्वे उच्च विद्यालय की टीम ने जो सफलता हासिल की है उसके लिए टीम के कोच खिलाड़ियों व सभी शिक्षकों का मेहनत है इस मुकाम तक पहुंचाया है। इन सभी खिलाड़ियों को अच्छी सुविधा मिले थे और बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। खेल में हार जीत होती है मगर इंटरनेशनल मैच के इस मुकाम पर पहुंचना ही हमारे लिए गर्व की बात है।

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