घरेलू हिंसा व मानव तस्करी का शिकार हुई महिलाओं के लिए वरदान साबित होगा गरिमा केंद्र
सिमडेगा
जिप सदस्य जोसिमा खाखा धनतेरस व दीपावली के मौके पर डायन कुप्रथा उत्पीड़न, घरेलू हिंसा व मानव तस्करी का शिकार हुई महिलाओं को तोहफा दिया है। पाकरटांड़ प्रखंड में जोसिमा खाखा ने राज्य का चौथा गरिमा केंद्र का फीता काटकर उदघाटन किया। मौके पर प्रमुख रजत लकड़ा, बीडीओ शक्ति कुंज भी मौजूद थे। जोसिमा खाखा ने कहा कि गरिमा केन्द्र का उद्देश्य प्रखंड को डायन कुप्रथा से मुक्त करना है। गरिमा परियोजना के तहत ग्राम संगठन के प्रशिक्षण के जरिए डायन कुप्रथा उन्मूलन को गति दिया जायेगा। जिससे डायन कुप्रथा जैसे अंधविश्वास एवं भेदभाव को दूर किया जा सके। इसके माध्यम से केवल डायन कुप्रथा ही नहीं बल्कि घरेलू हिंसा के शिकार महिला, बच्चे या फिर मानव तस्करी से पीड़ित लोगों को रेस्क्यू कर यहां रखा जाएगा। साथ ही इसकी सूचना वन स्टॉप सेंटर को दी जाएगी। जहां पीड़ितों को सम्मानजनक जिंदगी जीने के लिए सहायता दी जाएगी।

जोसिमा खाखा ने कहा कि सभी को मिलकर डायन कुप्रथाओं से निजात दिलाया जा सकता है। सबके सहयोग से ही जिला महिला हिंसा, मानव तस्करी और नशा मुक्त सिमडेगा का निर्माण होगा। वहीं प्रमुख रजत लकड़ा ने जेएसएलपीएस के इस योजना की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस पहल से महिला हिंसा, मानव तस्करी से शिकार महिलाओं को सम्मान के साथ जिंदगी जीने का अवसर मिलेगा। बीडीओ शक्ति कुंज ने कहा कि गरिमा केंद्र हेतु एक अन्य भवन का जीर्णोद्धार कराया जाएगा। उन्होंने सरकार की योजनाओं को धरातल तक पहुंचाने के लिए सभी से सहयोज की अपील की। कार्यक्रम में सामाजिक विकास के जिला प्रबंधक अभय कुमार, पंचायत समिति सदस्य प्रतिमा कुजुर,बीपीएम जेएसएलपीएस, अरुण महतो, बीपीओ मुकेश कुमार पांडे, एडमिन अजय तिर्की, सीसी तहरीमा निशा, निरोद सैमुअल मर्की, बीएपी कामेश्वर महतो, पीआरपी सुषमा केरकेट्टा, डीइओ राजेंद्र मिंज, रोस लकड़ा समेत जेएसएलपीएस के सभी प्रखंड स्तरीय स्टाफ एवं कैडर उपस्थित थे।