सिमडेगा:अरानी स्थित पंचायत भवन में शनिवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकार, सिमडेगा के द्वारा अधिवक्ता प्रभात कुमार श्रीवास्तव एवं कोमल श्रीवास्तव ने उपस्थित जन मानस को मानवाधिकार के विषय में विस्तार से बताया जिसमे जीने का अधिकार, अभिव्यक्ति का अधिकार, स्वतंत्रता समता, इत्यादि ऐसे आधारभूत अधिकार जो किसी भी व्यक्ति को उसके मानव होने के कारण प्राप्त हो, उसे मानव अधिकार कहते हैं। भारत का संविधान अपने प्रत्येक नागरिक को मौलिक अधिकार की गारंटी देता है। ऐसे कोई भी नागरिक जिनका मौलिक अधिकार का हनन होता है वह राज्य के विरूद्ध न्यायालय जाने को स्वतंत्र है ।अधिवक्ता कोमल श्रीवास्तव ने उपस्थित लोगों को बाल विवाह, इसके दूष्परिणाम, बाल विवाह के कानूनी पहलूओं से अवगत कराया।

उपस्थित लोगों ने अपने प्रश्नों के माध्यम से उपस्थित वक्ताओं से जानकारी प्राप्त की।गौरतलब हो संयुक्त राष्ट्र द्वारा सन 1950 में 10 दिसम्बर के ही दिन को मानवाधिकार दिवस के रूप में घोषित किया था औऱ इसी पर प्रत्येक वर्ष 10 दिसम्बर को विश्व, अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है।जिसके तहत झारखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार, राँची निर्देश पर कार्यक्रम हुई। इस कार्यक्रम में पीएलवी सुनिता कुल्लू एवं रोशन कुल्लू, मुखिया कंचन नाग एवं ग्रामीण उपस्थित थे ।