कोलेबिरा:-शुक्रवार को एसके बागे महाविद्यालय का स्वर्ण जयंती कार्यक्रम धूमधाम से मनाया गया। इस उपलक्ष पर महाविद्यालय के वर्तमान छात्रों के साथ-साथ पूर्व छात्रों को भी बुलाया गया था। जहां पर इस महाविद्यालय के इतिहास के बारे में चर्चा की गई। साथ ही इस महाविद्यालय के संघर्ष को भी छात्रों के बीच बताया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पद्मश्री मुकुंद नायक एवं स्व सुशील कुमार बागे पूर्व पंचायती राज्य मंत्री बिहार सरकार के पुत्र संजीव कुमार बागे पुत्री सुषमा बागे एवं पुत्र वधू माधुरी बागे एवं अलोका बागे मुख्य रूप से उपस्थित थे।मौके पर महाविद्यालय के प्राचार्य अनूप कुमार गुप्ता ने बताया कि महाविद्यालय को मुकाम तक पहुंचाने में पांच स्तंभ का सहारा मिला है।जिसमें प्रोफेसर हरुण बेक, प्रोफेसर पीयूष सोरेंग, प्रोफेसर सुरेश प्रसाद, प्रोफेसर वीरेंद्र प्रसाद एवं प्रोफेसर रमेश प्रसाद की अहम भूमिका रही है। इनमें से प्रोफेसर वीरेंद्र प्रसाद सिंह एवं प्रो. रमेश प्रसाद को छोड़कर अन्य इस दुनिया में नहीं है लेकिन वे अपनी अमिट छाप इस महाविद्यालय के लिए छोड़ गए हैं। जिनके नक्शे कदम पर महाविद्यालय आगे बढ़ रहा है एक अच्छे शिक्षक व प्रभारी प्राचार्य प्रोफेसर मनोज कुमार खलखो को भी कोरोना काल में हम लोगों ने खो दिया है। उन्होंने बताया कि इस महाविद्यालय को इस बात का गर्व है कि इसने देश एवं राज्य को अनेकों प्रशासनिक पदाधिकारी, स्वास्थ्य पदाधिकारी,शिक्षा पदाधिकारी, पुलिसकर्मी पदाधिकारी एवं सेना के जवान दिए हैं। यहां से निकले कुछ छात्र व्यापारिक क्षेत्र में भी अपना परचम लहराया है।.

महाविद्यालय के वर्तमान प्राचार्य ने बताया कि वर्तमान में इस महाविद्यालय में लगभग 1550 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। इस महाविद्यालय में नामांकित विद्यार्थियों में लड़कों की संख्या की तुलना में लड़कियों की संख्या हमेशा दोगुना रही है। यहां के अधिकांश विद्यार्थी दूरदराज गांव से आते हैं उनके आवास के लिए दो आदिवासी कल्याण छात्रावास बनाए गए हैं। महाविद्यालय अपने समिति संसाधनों के बल पर गरीब छात्र-छात्राओं के लिए हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध कराने का प्रयास करता रहता है। महाविद्यालय अनेक शैक्षणिक विकास के लिए सुसज्जित पुस्तकालय एवं प्रयोगशाला उपलब्ध कराता है। महाविद्यालय में 46 झारखंड बटालियन,एनसीसी
गुमला तथा रांची विश्वविद्यालय रांची की एनएसएस की इकाई स्थापित है।जिसके बाद पद्मश्री मुकुंद नायक ने मंच से क्षेत्रीय भाषा नागपुरी में संबोधित करते हुए कहा कि कोलेबिरा में इस महाविद्यालय का होने से यहां के लोगों के लिए गर्व की बात है। क्योंकि यहां के छात्र छात्राएं हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रहे हैं।साथ ही उन्होंने कहा कि जब वह दूसरी तीसरी कक्षा में थे तब उनकी मुलाकात सुशील कुमार बागे से हुई थी और पद्मश्री मुकुंद नायक उनके सादगी से काफी प्रभावित हुए थे। हम सब सुशील कुमार बागे की सोच को आगे बढ़ाएंगे।इस कार्यक्रम में पद्मश्री मुकुंद नायक ने छात्र-छात्राओं एवं आए तमाम अतिथियों को अपने गीत से झुमाया। मौके पर मुख्य रूप से पद्मश्री मुकुंद नायक, सुषमा बागे, माधुरी बागे, संजीव कुमार बागे, आलोक बागे, डॉ देवीलाल प्रसाद, प्रोफेसर रमेश प्रसाद, प्रधानाचार्य अरुण कुमार गुप्ता के अलावा महाविद्यालय कर्मचारी एवं महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
