बानो :प्रखण्ड के जराकेल मेंजतरा मेला हर साल माघ महीना के कृष्णपक्ष दुतिया को जतरा मेला का आयोजन किया जाता है मेला में पुत्री नाच ,झूला ,आदि खेल तमाशा ग्रमीणों को देखने को मिलेगा ।जराकेल ऐतिहासिक मेला पूर्व में काफी भीड़ जमा होती थी।रांची राउरकेला आदि क्षेत्रो से लोग मेला देखने आते थे। लॉकडाउन के बाद इस बार मेला समिति द्वारा मेला का आयोजन किया जा रहा है।सोमवार को10बजे से नागपुरी कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।जिसमें कई कलाकार अपना जलवा बिखेरगे।इधर प्रशासन द्वारा जराकेल जतरा की डाक बंदोबस्ती 2500 रु में की जो स्थानीय निवासी पारस नाथ बड़ाईक के नाम पर अंचल कार्यालय से मेला का डाक पत्र निर्गत किया गया है।मेला के सम्बंध में बुजुर्गों का कहना है कि मेला काफी वर्षो से लगते आ रहा है ।कहा जाता है कि बानो प्रखण्ड सहित आस पास के गावों से अगहन महीना में स्थानीय जमींदारों के पास कार्य करने वाले नौकर अपने घर चले जाते थे।पुनः जतरा मेला के दिन से नए तथा पुनः उसी किसान के पास पुनः धांगर के रूप में कार्य करने के बारे में लेन देन तय की जाती थी। उसी दिन अपने पसंद अनुसार धांगर का चयन किया जाता था।इसी के याद में आज भी हर वर्ष मेला का आयोजन किया जाता हैं। जतरा मेला के अवसर पर गाँव के पहान पुजार द्वारा ग्राम देवता व इंद्र देव की पूजन के बाद मेला का आयोजन किया जाता है।मेला मुख्य रूप से कृषि से सम्बंधित है। खेती बारी काम आने वाले सामानों , फल ,कंद मूल ,हर फार ,डलिया आदि सामान बिकने के मेला चढ़ाए जाते हैं।
