बानो के मदरसा जामिया काशिफूल उलूम में जलसा दस्तारबंदी हुआ

जलसा में पांच बच्चों की हुई पगड़ी बोसी

बानो -प्रखंड के मदरसा जामिया काशिफूल उलूम में जलसा दस्तारबंदी हुआ।जिसमें पांच बच्चों की पगड़ी बोसी हाफिज हितैतुल्लाह अंसारी आंबुआ,हाफिज खुर्शीद बुड मुंडो, हाफिज अब्दुल हक कोटाम, हाफिज अजम तुल्ला रामगढ़, हाफिज दाऊद इब्राहिम मेहमानों खुसूसी के तौर पर दारुल उलूम देवबंद (वफ ) के महदिस व बुकी मुफ्ती फरीदुद्दीन साहब कासमी रांची के हाजी शरीयत हजरत मौलाना मुफ्ती अनवर साहब मदरसा के सरपरस्त हजरत मौलाना इकरामुल हक साहब एनी साहब मदरसा के सदर ए सुरा हजरत मौलाना मुफ्ती सलमान साहब कासमी हजरत कारी शोएब साहब हजरत मौलाना मुकद्दर साहब और इतराके ऑल माय हजरत स्टेज की शोभा बने एवं जलसा के नाजिम रहे।मौलाना फिरोज साहब जलसा के निगरानी कर रहे हैं। मौलाना इकरामुल हक साहब जलसा की आगाज कारी मुकद्दबीर साहब ने तिलावत कुरान से किया और कारी निसार दानिश साहब ने महफिल को समा बांधा।वहीं मुफ्ती अनवर साहब ने कहा हम अल्लाह के बंदे हैं।

अल्लाह के बंदे के साथ नाहक तल्फी नहीं करना चाहिए ।जिनका जो हक है उसे पूरा पूरा अदा करना चाहिए। अपने पड़ोसी मां-बाप रिश्तेदार दोस्त और गांव वाले के साथ चाहे मुस्लिम हो या गैर मुस्लिम अच्छा अच्छा स्वभाव रखना चाहिए।हजरत मुफ्ती फरीदुद्दीन कासमी ने कहा अल्लाह के रसूल मोहम्मद सल्लल्लाहो अलेही वसल्लम से पूछा गया कि आदमी जहन्नम में कैसे कैसे बचेगा तो फरमाया दिया के जबान को काबू में रख। इसलिए की जबान से सारे फितने फसाद झूठ चुगली और लड़ाई झगड़े होते हैं और क्या फरमाया कि जमाने में बिहाई बेशर्मी खेल जाए और बुराई आम हो जाए और हर तरफ गुना ही गुना हो तो आदमी को चाहिए कि अपने घर में बंद हो जाए और फरमाया कि अगर इंसान से गलती हो जाए तो सरमैंदगी के साथ अपने परवरदिगार से माफी मांग ले और आगे ना करने का पक्का पक्का हो ले यह सब नसीहत दिए।

अंजुमन इस्लामिया के सदर जनाब मोहम्मद फैज साहब और सेक्रेटरी जनाब मोहम्मद रफीक साहब और अंजुमन इस्लामिया के सभी मेंबर नौजवान कमेटी के जनाब मोहम्मद इजहार साहब, मोहम्मद रोशन, मोहम्मद अल्ताफ, मोहम्मद मनीर खान मौलाना मोहम्मद रहमत उल्लाह साहब समीउल्लाह आरिफ अंसारी ,आशिक अंसारी शाहनवाज अंसारी, दानिश अंसारी ,तौकीर मुदस्सीर सोहराब हाफिज साकीब साकिर शोएब तनवीर अकरम कमरुद्दीन अल्ताफ मोहम्मद तौसीफ मिन्नतुल्लाह और कमेटी के तमाम मेंबरान ने इस जलसे को कामयाब बनाने में कड़ी मेहनत की और आने वाले मेहमान का कम से कम 3 से 4 किलोमीटर दूर से पूरे गांव वाले ने एवं जवान से मिलकर जोरों खरोश के के साथ इस्तकबाल किया।मदरसे के मोहतमिम हजरत कारी मुर्तुजा साहब और जमा मस्जिद के इमाम मौलाना अजर हैदर साहब अंजुमन इस्लामिया बानो के तमाम मेंबर एवं मेहमानों का शुक्रिया अदा किया।

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