मारते रहे लोग पुलिस बनाती रही वीडियो, सादा पेपर में हस्ताक्षर करा कर परिजनों को भेजा जेल -पूर्व मुख्यमंत्री ने जाना हाल

सिमडेगा-बीते 4 जनवरी को कोलेबिरा थाना क्षेत्र के बेसराजारा में भाजपा कार्यकर्ता संजू प्रधान की सैकड़ों की उमड़ी भीड़ ने लकड़ी चोरी का आरोप लगाते हुए पीट-पीट कर अधमरा कर उसे मोब लिंचिंग के तहत जिंदा जला देने की घटना पर शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री एवं विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी की अगुवाई में भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल घटनास्थल पर पहुंच पीड़ित परिवार से मिलकर घटना का जायजा एवं जानकारी लिया एवं सांत्वना दी। जहां पर पीड़ित पत्नी ने बताया कि पैसे देकर पेड़ खरीदने के बावजूद साजिश के तहत गांव के लोगों ने पति को नजरों के सामने पीट-पीटकर अधमरा कर उसे जिंदा आग के हवाले कर दिया यही नहीं मौके पर पुलिस मौजूद रही जहां पर बार-बार मेरे द्वारा गिराने के बावजूद पुलिस मेरी किसी प्रकार की कोई भी मदद नहीं की और ना ही इस मामले में किसी प्रकार की कार्रवाई करते हुए दिखी बल्कि पुलिस घटनास्थल पर मौजूद रहकर मुख दर्शक बनते हुए पति के साथ हो रहे क्रूरता व्यवहार का वीडियो बनाने में जुटी रही। पत्नी ने आगे बताया कि भीड़ तंत्र के द्वारा पति को मारने के बाद उनके मोबाइल और ₹50000 को भी छीन लिया गया और पुलिस के द्वारा इस पर किसी प्रकार की कोई भी कार्रवाई नहीं की गई यहां की शाम के समय पुलिस मेरी बेसुध की हालत का फायदा उठाते हुए सादा कागज पर हस्ताक्षर कराते हुए हमारे तीन स्वजनों को उठाकर आरोपी बनाते हुए जेल भेज दिया जबकि वे घटनास्थल पर मौजूद नहीं थे इस घटना में पुलिस की भी संलिप्तता है तभी मेरे पति को उन्होंने नहीं बचाया। साथ ही पत्नी ने यह भी कहा कि लकड़ी चोरी मामले में गांव में झूठा शिकायत करने के बाद वन विभाग ने उक्त लकड़ी को जब कर कार्रवाई कर चुकी थी उसके बावजूद एक सुनियोजित साजिश के तहत पति को इस घटना में संलिप्त किया गया। उन्होंने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई एवं स्वजनों को छोड़ने की गुहार लगाई तथा सरकारी नौकरी एवं सरकारी प्रावधान के तहत अन्य लाभ की भी मांग की जिससे कि जिंदगी गुजर बसर हो सके।घटनास्थल का मुआयना एवं पीड़ित परिवार से मिलने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा कार्यकर्ता की हत्या एक सुनियोजित साजिश के तहत की गई है उन्होंने कहा घटना में जितना दोषी ग्रामीण है उससे भी ज्यादा दोषी पुलिस है क्योंकि पुलिस के सामने ही भाजपा कार्यकर्ता को पीठ पीठ का जिंदा जला दिया गया जबकि मृतक की पत्नी पुलिस वालों के पैर पकड़ कर हवाई फायरिंग के लिए गिड़गिड़ाती रही। आगे उन्होंने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा की मृतक की पत्नी का सादा कागज पर हस्ताक्षर लेना एवं पीड़ित पक्ष के परिवार वालों को ही गिरफ्तार कर जेल भेजना पुलिस पर सवालिया निशान खड़ा करती है उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मांग की,की अविलंब सिमडेगा एसपी एवं ठेठईटांगर थाना प्रभारी को बर्खास्त कर उन पर ड्यूटी में लापरवाही बरतने एवं हत्या में सम्मिलित होने का मामला चलाया जाए। वही पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे कहते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी पीड़ित परिजनों के साथ है और इस सुनियोजित मॉब लिंचिंग की सीबीआई जांच कराकर रहेगी। इससे पूर्व मृतक की पत्नी ने पूर्व मुख्यमंत्री को घटना के बारे में विस्तार पूर्वक बताया। मौके पर एसटी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद समीर उरांव , राष्ट्रीय मंत्री सह रांची मेयर आशा लकड़ा, पूर्व मंत्री विमला प्रधान, पूर्व विधायक गंगोत्री कुजूर, प्रदेश मंत्री मुनेश्वर साहू ,प्रदेश सह प्रवक्ता अशोक बड़ाईक ,पूर्व विधायक शिव शंकर उरांव ,सिमडेगा जिला अध्यक्ष लक्ष्मण बड़ाईक ,सांसद प्रतिनिधि सुशील श्रीवास्तव नगर परिषद उपाध्यक्ष ओमप्रकाश साहु, श्रद्धानंद बेसरा सुजान मुंडा ,जिप सदस्य मनोज साय ,दुर्गविजय सिंह देव् श्यामलाल शर्मा, मीडिया प्रभारी रवि गुप्ता दीपनारायण दास सुदर्शन सिंह नवीन सिंह अशोक इंदवार चिंतामणि कुमार नरेंद्र बढाईक मौजूद थे

जिला प्रशासन ने पीड़ित पत्नी की तबीयत खराब पर किया अस्पताल में भर्ती, दी सरकारी लाभ

इधर सिमडेगा जिला प्रशासन ने पीड़ित पत्नी की तबीयत खराब पर उसे इलाज हेतु सदर अस्पताल सिमडेगा में भर्ती किया जहां पर सिमडेगा डीसी सुशांत गौरव कोलेबिरा वीडियो एवं सीओ के द्वारा पीड़िता सपना देवी से पहुंचकर हालचाल जाना तथा हर संभव मदद देने की बात कही वहीं मौके पर सिमडेगा डीसी के द्वारा उन्हें अंबेडकर आवास की स्वीकृति पत्र विधवा पेंशन एवं दिवंगत संजू प्रधान की मृत्यु प्रमाण पत्र दिया इसके अलावा सिविल सर्जन डॉ पी के सिन्हा ने उन्हें शीघ्र स्वास्थ्य लाभ हेतु फल दी। मौके पर उपस्थित डॉक्टर से सिमडेगा डीसी ने हालचाल जाना जिस पर डॉक्टर ने बताया कि सपना देवी गर्भावस्था में है ऐसे में उनका ध्यान रखने की आवश्यकता है। जिस पर डीसी ने सिविल सर्जन को पीड़िता महिला के स्वास्थ्य में किसी प्रकार की लापरवाही ना हो इसका दिशा निर्देश दिया तथा पल-पल उस पर मॉनिटरिंग करने की भी बात कही।

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