जलडेगा:सुदूरवर्ती गावों को पंचायत और प्रखंड मुख्यालय से जोड़ने के लिए झारखंड सरकार द्वारा कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। कई ग्राम पंचायतों में मनरेगा योजना के अंतर्गत मोरम पथ निर्माण कार्य भी करवाया गया है, लेकिन जो तस्वीरें सामने आ रही है, उसको देखकर आसानी से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार के क्या आलम है। ग्राम पंचायत के प्रतिनिधि और जिम्मेदार अधिकारी बड़े पैमाने पर गड़बड़ी कर रहे हैं, जिसके कारण महत्वाकांक्षी योजनाओं का फायदा दिखाई नहीं दे रहा है। सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि हजारों रुपए खर्च करने के बाद भी यदि योजनाएं समय पर पूरा न हो और कर्मी योजनाओं का नियमित निरीक्षण ना करें तो फिर इसका जिम्मेदार कौन है?मामला जलडेगा प्रखंड के टीनगीना पंचायत से जुड़ा है। जहां वर्ष 2020- 21 में कॉलोनी टोली ढोढ़ीबाहर से टीनगिना तक एक किलोमीटर तक मोरम पथ रोड का निर्माण कराया जाना था। जिसका योजना संख्या 7080901075802 है। लगभग ढाई साल बाद भी यहां पर मनरेगा कर्मियों ने मोरम पथ निर्माण कार्य को पूर्ण नहीं करा पाया। और अभी तक योजना ऑनगोइंग है। ग्रामीणों के लिए यह सड़क परेशानी का सबब बना हुआ है। एक नजर में देखने से अब सड़क पगडंडी बन गया है। पंचायत के कर्मी और जिम्मेदारी अधिकारी द्वारा सही तरीके से योजनाओं का निरीक्षण नहीं करने के कारण ढाई साल बाद भी मोरम नहीं गिरा जिसके कारण लोगों को यह सड़क मुंह चिढ़ा रही है। हैरानी की बात तो यह है कि सड़क मुख्य रोड से सटा हुआ है इस रोड से नियमित अधिकारियों का आना जाना होता है लेकिन आज तक किसी की भी नजर इस अधूरे मोरम पथ निर्माण की ओर नहीं गया।

मनरेगा लोकपाल ने कहा मामले पर होगी जांच
मामले पर जब मनरेगा लोकपाल पुष्पा कुमारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मीडिया के द्वारा खबर प्राप्त हुई है, योजना का निरीक्षण किया जायेगा। वहीं पंचायत के मुखिया कल्याण गुड़िया ने कहा की वहां पर रोड की कोई आवश्यकता नहीं है।