कोलोमडेगा में एकीकृत खेती पर महिला किसानों को दी जा रही है प्रशिक्षण

जलडेगा प्रखण्ड के कोलोमडेगा में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के सहयोग से सहभागी विकास, सिमडेगा द्वारा कोरोना नियमो का पालन करते हुए लाइवलीहुड एंटरप्राईज डेवलपमेंट प्रोग्राम (एलईडीपी) परियोजना के अन्तर्गत एकीकृत खेती (मुर्गी पालन, बकरी पालन एवं सब्जी खेती) विषय पर महिला स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों का 10 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के 7वें दिन में महिला समूहों के सदस्यों को पशुपालन पर प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में महिला किसानों को पशुपालन से होने वाले फायदे व इस कार्य की तकनीकी जानकारी दी गई। प्रशिक्षण में प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी डॉ जॉनसन भेंगरा ने किसानों को कुक्कुट (मुर्गी) के झारसीम, रेड दिव्यायान, कड़कनाथ सहित विभिन्न नस्लों की पहचान एवं विशेषता, आवास व आहार प्रबंधन की व्यावहारिक तकनीकों से अवगत कराया। इस फार्म के हेचरी यूनिट में मुर्गी के चूजे का निष्कासन तथा टीकाकरण की आवश्यकता की जानकारी दी।

गव्य फार्म में किसानों को गिर, साहीवाल, थारपारकर, फ्रोजन आदि गौ नस्लों की विशेषताओं एवं उन्नत तकनीकी प्रबंधन से प्रत्यक्ष रूबरू कराया। वहीं सुकर फार्म में झारसुक, पूर्णिया सहित सूकर की विभिन्न प्रजातियों का आवास एवं आहार प्रबंधन, रेल यार्ड एवं क्रिप्स बॉक्स के फायदे, नवजात छौनों का एनीमिया से बचाव एवं टीकाकरण का सही समय व लाभ के बारे में जानकारी दी। वहीं उन्होंने महिला किसानों को स्वस्थ पशु, अस्वस्थ पशु की पहचान, पशुओं में होने वाली मुख्य बीमारी, पशुओं का सही समय पर टीकाकरण एवं बीमारियों के उपचार संबंधी जानकारी के अलावा कृत्रिम गर्भाधान के बारे में बताया गया।

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