
जलडेगा:-प्रखण्ड के परबा में हाथियों ने एक बार फिर से कहर बरपाया है। बीती रात परबा जामटोली निवासी अर्जुन मांझी पिता बुटू मांझी 39 वर्ष को एक जंगली हाथी ने गंभीर रूप से घायल कर दिया। अर्जुन मांझी के पत्नी ने बताया कि रात में 8 बजे के करीब खाने की तैयारी कर रहे थे तभी दीवार के टूटने की आवाज आई जब जाकर देखा तो विशालकाय हाथी घर को तोड़ रहा था तभी पूरे परिवार वाले भयग्रस्त होकर घर से बाहर जान बचाने के लिए भागने लगे तभी अर्जुन मांझी हाथी के पहुंच में आ गया जिसे हाथी ने इस तरह घायल किया कि अर्जुन मांझी का दायाँ पैर शरीर से पूरी तरह अलग हो गया। और हमले से एक हाथ भी टूट गया है। इस दौरान हाथी ने गांव के अनिरूद्घ मांझी और मोहन मांझी के घर को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। हाथी के जाने के बाद परिजनों ने किसी प्रकार अंचलाधिकारी खगेन महतो एवं प्रखण्ड विकास पदाधिकारी विजय राजेश बरला को इसकी जानकारी दिया। सूचना मिलते ही अंचलाधिकारी के निर्देश पर राजस्व उप निरीक्षक उमेश ठाकुर के सहयोग से एम्बुलेंस परबा के लिए भेजा गया।
आपातकालीन स्थिति में खुली जलडेगा अस्पताल की लचर व्यवस्था की पोल
घायल अर्जुन मांझी के अस्पताल पहुंचने के काफी देर बाद उसका इलाज शुरू हुआ। दरसअल प्रसाशनिक अधिकारियों ने पहले ही अस्पताल के कर्मचारियों को इसकी सूचना दी थी लेकिन घायल के अस्पताल पहुंचने तक किसी प्रकार की कोई भी तैयारी नही की गई थी। लापरवाही इस कदर थी कि घायल के पहुंचने के 15 मिनट बाद डॉ उमा कुमारी अस्पताल पहुंची। तब तक दर्द से कराह रहे अर्जुन मांझी की हालत और गंभीर होते जा रही थी। इधर मीडियाकर्मियों द्वारा सवाल पूछने के बाद घायल को एम्बुलेंस से उतार कर अस्पताल के अंदर लाया गया जिसके बाद उसका प्राथमिक उपचार हुआ। ब्लॉक में एक एम्बुलेंस खड़ी होने के बाबजूद भी बानो से 108 एम्बुलेंस को मंगाकर गंभीर रूप से घायल अर्जुन मांझी को बेहतर इलाज के लिए रांची रिम्स भेज दिया गया। इस पूरी प्रक्रिया में घायल व्यक्ति करीब एक घंटा से अधिक तड़पता रहा। लेकिन नियमों का हवाला देकर प्रखंड में खड़ी एम्बुलेंस को एक इंच तक नहीं हिलाया गया। आपातकाल स्थिति में इस प्रकार के लापरवाही से जलडेगा अस्पताल के विधि व्यवस्था पर एक बार फिर से प्रश्न उठा है।
सूचना मिलते ही रात में पहुंचे वन अधिकारी, पीड़िता की पत्नी को दिए दस हजार रूपए
हाथी द्वारा व्यक्ति के घायल होने की सूचना पर रात में ही वन क्षेत्र पदाधिकारी राजेश्वर पासवान जलडेगा अस्पताल पहुँचकर घायल के परिजनों से मुलाकात की एवं घटना से संबंधित जानकारी ली। वन क्षेत्र पदाधिकारी ने तत्काल वन विभाग की ओर से पीड़ित के परिजनों को दस हजार रुपये उपलब्ध कराया। मौके पर राजस्व उप निरीक्षक उमेश ठाकुर, वन विभाग के नीतीश कुमार, अनुज मिंज, प्रदीप कुल्लू सहित अन्य वनकर्मी, और अस्पताल कर्मी उपस्थित थे।