राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के तहत दवा खिलाकर सिमडेगा उपायुक्त ने किया अभियान की शुरुआत

सिमडेगा:- उपायुक्त अजय कुमार सिंह ने संत मेरीज हाई स्कूल सामटोली में बुधवार को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर किया। स्कूल के विद्यार्थियों द्वारा उपायुक्त सिमडेगा का स्वागत किया गया। विद्यालय के प्रधानाध्यापक फादर फेड्रिक कुजूर के द्वारा अतिथियों का स्वागत संबोधन किया गया। जिले में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम का जिला स्तरीय शुभारम्भ करते हुए बच्चों को एल्बेंडाजोल की गोली खिला कर किया गया। जिले में 01 से 19 वर्ष तक के लगभग 02 लाख 96 हजार बच्चों और किशोर-किशोरियों को एल्बेंडाजोल की गोली खिलाने का लक्ष्य रखा गया है।

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम के अंतर्गत सरकार द्वारा वर्ष में दो बार कृमि संक्रमण और उससे सम्बंधित रोगों की रोकथाम के लिए किया जाता है। इस कार्यक्रम में 1 से 19 वर्ष के सभी बच्चों और किशोरों-किशोरियो को स्कूल, तकनीकी संस्थानों और आंगनबाड़ी के माध्यम से डिवर्मिंग दवा एल्बेंडाजॉल खिला कर कृमि मुक्त किया जाता है।उपायुक्त ने अपने संबोधन में कहा कि स्वास्थ्य शारीर में ही स्वास्थ्य मस्तिष्क का विकास होता है। हम सभी को शारीरिक स्वास्थ्य के लिए व्यायाम एवं योग करना चाहिए। परंतु जो, परजीवी शरीर के अंदर आंत में पाए जाते हैं उसे संक्रमण से बचाव के लिए यह दवा खाना अति आवश्यक है। दवाई लेने से कृमि संक्रमण की खतरा नहीं होती है। उपायुक्त द्वारा मौके पर ही बच्चों को एल्बेंडाजॉल की गोलियां खिलाई गई।इसके अलावा जिले के सभी प्रखंडों में कार्यक्रम आयोजित कर बच्चों को एल्बेंडाजॉल की गोलियां खिलाई गई। जो बच्चें कृमि मुक्ति दिवस के दिन दवाई खाने से छूट जाएंगे उन्हें 29 सितंबर मॉपअप डे के दिन एलबेण्डाजोल दवाई खिलाई जाएगी।सिविल सर्जन डॉ अजीत खलखो ने कहा कि कृमि वह परजीवी हैं जो मनुष्य के आंत में रहते हैं और जीवित रहने के लिए मानव शरीर के जरूरी पोषक तत्व को खाते हैं। कृमि संक्रमण भारत में एक प्रमुख जन स्वास्थ्य समस्या है और ये बच्चों और किशोरों की शारीरिक, मानसिक और शैक्षणिक विकास पर हानिकारक प्रभाव डालते हैं। इनसे एनीमिया और कुपोषण का भी खतरा है। नियमित डिवर्मिंग बच्चों और किशोरों में कृमि के संक्रमण को समाप्त कर, उनके शारीरिक और संज्ञानात्मक विकास में योगदान कर सकता है और साथ ही जीवन की गुणवत्ता में सुधार करता है।कार्यक्रम के दौरान सिविल सर्जन डॉ अजीत खलखो, नजारत उपसमाहर्ता -सह- समाज कल्याण पदाधिकारी राजेन्द्र प्रसाद सिंह, डॉ. आनन्द खाखा उपस्थित थे।

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