कैलाश धाम कर्रामुण्डा में तीन दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान जारी,अखंड हरिकीर्तन प्रारंभ

कालो खलखो

बोलबा :-जिले के ठेठईटांगर प्रखण्ड के कर्रामुण्डा कैलाश धाम में तीन दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान के दूसरे दिन अखण्ड हरि कीर्तन का किया गया। इस मौके पर बताया गया कि 21 नवम्बर को विधिवत अधिवास पूजन का आयोजन किया गया।वही 22 नवम्बर को नाम यज्ञ अखंड हरि कीर्तन नाम यज्ञ  प्रारंभ हो गया एवं 23 नवम्बर को हवन पूजन ,आरती, प्रसाद वितरण एवं भंडारा का आयोजन किया जायेगा। वहीं 23 नवम्बर की रात 9 बजे से रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा ।इस मौके पर अखंड कीर्तन में उड़ीसा नवागांव, बोलबा , लेटाबेड़ा, अलिंगुड,बनटोली, कर्रामुण्डा गाँव के कीर्तन मण्डली शामिल हुए है । वही इधर सभी प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान संपन्न करने के लिए पुरोहित के रूप में नीलाम्बर पंडा तथा यजमान के रूप में नारायण सिंह मुख्य भूमिका निभा रहे हैं।वही बाबा उमाकान्त जी महाराज ने कैलाश धाम के धार्मिक कार्यक्रम में शामिल हुए । उन्होंने कहा कि धर्म की रक्षा के लिए हमें यज्ञ एवं धार्मिक कार्यक्रम करना अति आवश्यक है ।धर्म के कार्य मे समाज के सभी लोगों को आगे आना चाहिएइस मौके पर श्यामसुन्दर बेहरा, नारायण सिंह, सुखदेव सिंह, रामप्रसाद सिंह, जुगल बेहरा ,शम्भु सिंह एवं अन्य लोगो ने कार्यक्रम को सफल बनाने में लगे है।

पहाड़ के ऊपर अलौकिक छटाओं के बीच बसा है कर्रामुंडा कैलाश धाम

गौरतलब हो यह धाम पहाड़ी के ऊपर अलौकिक छटाओं के बीच में बसा है जहां पर दूर-दूर से लोग इसे देखने आते हैं। धाम के पुजारी सुखदेव सिंह एवं नारायण सिंह  ने बताया कि कैलाश धाम दैविक स्थल के रूप में  प्रसिद्ध है। यहाँ सिंग द्वार नामक सात तल्ला का एक गुफा है गुफा के सातवें तल्ले पर माँ दक्षिण काली एक मूर्ति  शक्ति पीठ के रूप में विराजित है।जो एक शेर आकृति के एक शीला पर भक्तों को दर्शन दे रही है। गुफा में एक पौराणिक शिव लिंग भी है ,साथ ही गुफा के अन्दर कई अद्भुत चीजें हैं। इस गुफा का एक अलग और अद्भुत महिमा बताया जाता है किसी प्रकार कोई भी शक्ति तंत्र तुरंत सिद्ध भी हो जाता है भूतप्रेत से ग्रसित रोगी कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता हैम दूर-दूर से लोग मन्नत लेकर पूजा करने आते हैं ।वही पहाड़ी के चोटी पर अष्टम माता का शीला है बताया जाता है कि सिंग द्वार गुफा में पूजन के बाद रात में  पुजारी को स्वपन में दर्शन देकर नीम पेड़ के पास मूर्ति होने का संकेत मिला था इसे कुछ लोग विश्वास नहीं कर रहे थे तब इसकी लोगों ने खुदाई करके सच्चाई का पता करने लगे लगभग पाँच फीट तक खुदाई के बाद पाया गया कि वह शीला एक विशाल जीवित चट्टान से सृजन होकर बाहर निकला है लोग देखकर आश्चर्य चकित हो गए और सभी लोग मिलकर वहीं पर वेदी बनाकर पूजा अर्चना शुरू कर दिया गया पहाड़ी के एक किनारे की गुफा के बाहर गाँव के चरवाहे बच्चियों ने तीन छोटे- छोटे अद्भत बालकों को देखा  देखने के बाद तुरंत ही चरवाहे बच्चियों ने बगल के बस्ती में जाकर कुछ ग्रामीणों को इसकी सूचना दे दिया गाँव वालों ने अद्भुत बालकों की  सूचना मिलते ही जब वहाँ देखने पहुँचे तो वानर रूप में हनुमानजी वहाँ बैठे हुए थे जो बाद में भी कई  ग्रामीणों ने इस घटना को देखा एक दिन गाँव के ईसाई समुदाय के प्रचारक ने भी बजरंगबली हनुमानजी को देखकर उसकी विशेषता को बताया ।प्रत्यक्ष दर्शी बच्चियों के अनुसार भगवान राम, लक्ष्मण एवं माता सीता  का बाल रूप में यहाँ बच्चों को दर्शन दिए थे । तब से लेकर अब तक लोगों का इस पहाड़ पर दर्शन पूजन के लिए आवागमन बढ़ने लगा । कई बार भिन्न- भिन्न रूप में देवी देवताओं का यहाँ लोगों को दर्शन हुआ है ।वही सरकार की ओर से कैलाश धाम को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने के लिए पर्यटक स्थल की सूची में शामिल किया है।इसका प्रशासनिक स्तर पर निरीक्षण भी कर लिया गया है  कैलाश धाम सह पर्यटक स्थल कर्रामुंडा विकास समिति के अध्यक्ष रैन सिंह, कार्यकारी अध्यक्ष रामप्रसाद सिंह, सचिव जुगेश सेनापति, पुजारी सुखदेव सिंह, नारायण सिंह सहित सदस्य गण एवं ग्रामीणों की से यहाँ की विकास कार्य तेजी से हो रहा है।

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