सिमडेगा:पारा शिक्षकों के एक युग का अंत हो गया है।विगत लगभग 18 वर्षों से आंदोलित पारा शिक्षकों के संघर्ष का नतीजा है कि एक नया पहचान मिला है।अब सूबे के सभी पारा शिक्षक सहायक अध्यापकके रुप में जाने जाएंगे।सिमडेगा जिला पारा शिक्षक संघ के अध्यक्ष एहतेशामुल हक ने कहा कि वर्षों के संघर्ष के बदौलत हमें एक नया पहचान मिला है।इसके लिए मैं माटी की सरकार के साथ ही सभी मंत्री और विधायकों का धन्यवाद करता हूं।जिसने हमारी भावनाओं को समझा और हमें एक नया पहचान दिया है।महासचिव फिरनाथ बड़ाईक ने कहा कि हमारा विगत लगभग 18 वर्षों का वनवास अब खत्म हुआ है।सभी पारा शिक्षक अब सहायक अध्यापक के रुप में जाने जाएंगे।झारखंड सरकार ने हमें एक सम्मान देने का काम किया है।सभी प्रशिक्षित सहायक अध्यापकों के मानदेय में 40% की वृद्धि, टेट पास के मानदेय में 50% की वृद्धि,अनुकंपा, 4% सलाना इंक्रीमेंट, सेवा पुस्तिका,चिकित्सा अवकाश सहित अन्य अवकाश, सहित अन्य सुविधाएं मिली है।
इस मुकाम को हासिल करने के लिए हमने काफी बलिदानी दिया है।इसके लिए हमारे काफी साथियों ने अपनी बलिदानी दी है।तब जाकर हमें ये मुकाम मिला है।आज जो कुछ भी मिला उसके लिए उन हमारे शहीद साथियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।यहाँ तक पहुंचने में प्रदेश नेतृत्व,जिला व प्रखण्ड के साथ साथ सूबे के सभी पारा शिक्षकों के सहयोग के बदौलत संभव हो पाया है।अब भी हमारी वेतनमान का सपना अधूरा है जिसे निकट भविष्य में प्राप्त करेंगे।कोषाध्यक्ष चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि सूबे के माटी की सरकार ने म हमें एक नया पहचान दिया है।इसके लिए सरकार का आभार व्यक्त करता हूं।हमारी अधिकतर समस्याओं का समाधान हो चुका है और हमें एक नया पहचान मिला है।
पारा शिक्षकों का वनवास खत्म,मिला एक नया पहचान कहलाएंगे सहायक अध्यापक
