सिमडेगा: मार्च क्लोजिंग के तहत वित्तीय सत्र के अंतिम कोषागार में कुल 205 बिल विपत्र पास किए गए, जो 20 करोड़ लगभग रुपये के थे ।मार्च की बात करें को 2000 से अधिक बिल पास हुए। 100 करोड़ से अधिक की निकासी हुई। जिला कोषागार पदाधिकारी सुशीला समद ने बताया कि पास करने के लिए तीन बजे तक समय निर्धारित था। इधर कोषागार में अंतिम दिन भी विभाग के कर्मी बिल पास कराने के लिए पहुंचते रहे। कोषागार के कर्मी बिल विपत्र को पारित करने में जुटे रहे। विदित हो कि मार्च महीने में सभी विभागों पर आवंटित राशि को खर्च करने का दबाव था। पदाधिकारी एवं कर्मी लगातार राशि की निकासी को लेकर व्यस्त थे। योजनाओं को स्वीकृति एवं क्रियान्वयन करने को लेकर लगातार कार्य किए जा रहे थे,जिससे कि स्वीकृत राशि का खर्च ज्यादा से-ज्यादा हो सके। कई विभाग मार्च के मध्य में ही कार्यक्रमों का आयोजन कर राशि की निकासी कर थी। कुछ विभाग राशि नहीं निकासी कर पाने की स्थिति में राशि सरेंडर की।

पूर्व में होती थी अधिक भीड़
सिमडेगा : पूर्व में कोषागार में मार्च महीने के अंतिम दिन काफी भीड़ लगी होती थी।जिला परिषद् कार्यालय के समीप स्थित कोषागार कार्यालय कर्मियों की भीड़ से पूरी तरह घिरी होती थी। कर्मियों को बिल पास कराने के लिए देर रात तक इंतजार करना पड़ता था।तब कोषागार के कर्मी भी देर रात तक कार्यालय में जमे होते थे।कुछ विभागों की मानें तो राशि आवंटन में विलंब से भी निकासी नहीं हो पाती है। पदाधिकारियों की मानें तो कई दफा राशि आवंटन मार्च महीने में ही होती है। ऐसे में योजना या कार्यक्रमों का क्रियान्वयन जल्द संभव नहीं हो पाता।