उपायुक्त गुमला की अध्यक्षता में  ST,SC मॉनिटरिंग समिति की बैठक संपन्न

गुमला:उपायुक्त शिशिर कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) नियमावली 1995 के कार्यान्वयन हेतु जिला स्तरीय सतर्कता एवं मॉनिटरिंग समिति की बैठक आटीडीए भवन के सभागार में की गई।बैठक में परियोजना निदेशक आईटीडीए द्वारा बताया गया कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अधिनियम 1989 एवं संशोधन नियम 2016 के नियम 15 अंतर्गत पुलिस अधीक्षक द्वारा भेजे गए अनुसूचित जाति/ जनजाति के 11 पीड़ितों के मामले रखे गए हैं। सभी 11 मामलों में प्राथमिकी की छायाप्रति, बैंक खातों की छायाप्रति प्राप्त कर ली गई है तथा 11 में से 07 मामलों में आरोप पत्र की प्रति प्राप्त कर ली गई है। इसपर उपायुक्त ने प्राथमिकी दर्ज करने के पश्चात् पीड़ितों को 25 प्रतिशत देय राशि के मुआवजा भुगतान करने का निर्देश दिया। वहीं समिति में सर्वसम्मति से आरोप पत्र समर्पित करने के उपरांत 50 प्रतिशत देय राशि के संबंध में विभाग से मार्गदर्शन प्राप्त करने का निर्णय लिया गया। विदित हो कि अनुसूचितजाति, अनुसूचित जनजाति (आकस्मिकता योजना) नियम 2017 का उद्देश्य ऐसे जरूरतमंद अनुसूचित जाति/ जनजाति परिवारों की त्वरित सहायता व राहत पहुंचाना है, जो गैर अनुसूचित जाति/ जनजाति के किसी व्यक्ति अथवा समूह द्वारा उत्पीड़ित हैं एवं जो अपनी निर्धनता एवं असहाय व्यवस्था के कारण संकटापन्न स्थिति में हैं और जिन्हें तत्संबंधी जरूरत पूरी करने के लिए सरकार की किसी योजना अथवा अन्य किसी स्रोत से त्वरित आर्थिक सहायता मिलने की संभावना न हो। इसके तहत पीड़ितों को विभिन्न अत्याचारों के निमित्त संदाय निम्नानुसार प्राथमिकी प्रक्रम पर 25 प्रतिशत, न्यायालय को आरोप पत्र भेज दिए जाने पर 50 प्रतिशत तथा अवर न्यायालय द्वारा अभियुक्त के दोष सिद्ध किए जाने पर 25 प्रतिशत के आधार पर राहत राशि का भुगतान किया जाएगा।परियोजना निदेशक आईटीडीए द्वारा बताया गया कि 11 में से 03 मामलों में साक्ष्य के अभाव में आरोप साबित नहीं हो पाने के कारण पीड़ितों को अभी राहत राशि का भुगतान नहीं किया जा सका है। जिसपर उपायुक्त ने उक्त तीनों मामलों में पीड़ितों को पहले प्राथमिकी दर्ज करने के पश्चात् 25 प्रतिशत देय राशि के मुआवजा भुगतान करने का निर्देश दिया। बैठक में उप विकास आयुक्त हेमंत सती ने पीड़ितों को राहत राशि का भुगतान करने के पूर्व उनका जाति प्रमाण पत्र अनिवार्य रूप से प्राप्त करने का निर्देश दिया।

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