उपायुक्त गुमला शिशिर कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में जिला कौशल समिति की बैठक आईटीडीए भवन के सभागार में की गई। बैठक में जिला कौशल विकास योजना, संकल्प रैंकिंग एवं आकांक्षी जिला विशेष परियोजना पर चर्चा, प्लेसमेंट एवं एंटरप्रेन्योरशिप सेल के गठन आदि के की समीक्षा की गई।

बैठक में जिला नियोजन सह जिला कौशल पदाधिकारी ने बताया कि कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय भारत सरकार द्वारा विश्व बैंक की सहायता से संकल्प योजना के शुभारंभ किया गया है। जिसके अंतर्गत राज्य में कौशल विकास की आधारभूत संरचना एवं संस्थाओं का सुदृढ़िकरण किया गया है। इस निमित्त जिले में कौशल विकास से संबंधित क्रियाकलापों का समन्वय जिला स्तरीय कौशल समिति का गठन उच्च तकनिकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग झारकंड के निर्देशानुसार किया गया है।
बैठक में उपायुक्त ने जला नियोजनालय द्वारा विभिन्न कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्रों में किए गए नामांकन की समीक्षा की। समीक्षा के क्रम में पाया गया कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना, सक्षम झारखंड कौशल विकास योजना, प्रधानमंत्री कौशल केंद्र, दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना तथा आरसेटी अंतर्गत कुल 466 विद्यार्थियों का नामांकन किया गया है। जिसमें से 225 का प्रशिक्षण पूर्ण हो चुका है। 225 प्रशिक्षणार्थियों का मूल्यांकन कर लिया गया है। 223 प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाणित कर दिया गया है। 121 का प्लेसमेंट विभिन्न कौशल केंद्रों में किया गया है तथा चार आईटीआई संस्थानों के 110 प्रशिक्षणार्थियों का प्सेलमेंट हो चुका है। बेहद कम नामांकन होने पर उपायुक्त ने असंतोष जताते हुए अधिक से अधिक विद्यार्थियों/ युवाओं का नामांकन सुनिश्चचित करने का निर्देश दिया।
प्लेसमेंट की समीक्षा के क्रम में पाया गया कि विगत नवंबर एवं दिसंबर माह में 230 प्रशिक्षणार्थियों का प्लेसमेंट किया गया था। इसपर उपायुक्त ने प्लेसमेंट के माध्यम से विगत पाँच वित्तीय वर्षोंमें रोजगार पाने वाले प्रशिक्षणार्थियों की विस्तृत जानकारी प्रतिवेदित करने का निर्देश दिया। उन्होंने अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार कार्यक्रम का लाभ दिलाने के उद्देश्य से प्रशासनिक स्तर पर कार्यक्रम का आयोजन कर प्रशिक्षणार्थियों को प्लेसमेंट दिलाने हेतु कार्यक्रम का निर्धारण करने का निर्देश दिया। उन्होंने नामांकन की संख्या बढ़ाने का भी निर्देश दिया। साथ ही उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्रों से जोड़ने की दिशा में किए जाने वाले कार्यों की समीक्षा की। पाया गया कि जिलांतर्गत तीन प्रशिक्षण प्रदाताएं सक्रिय हैं। जिनके माध्यम से गाँव-गाँव तक पहुंचकर युवाओं को प्रशिक्षण केंद्रों में नामांकन हेतु उत्प्रेरित करने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने उक्त प्रशिक्षण प्रदाताओं द्वारा दिए जाने वाले प्रशिक्षण का स्वयं निरीक्षण करने की जानकारी दी। साथ ही उन्होंने प्रशिक्षण प्रदाताओं को दिए जाने वाले प्रशिक्षण में जिला प्रशासन एवं प्रखंड प्रशासन की भागीदारी भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
बैठक में जिला स्तरीय कौशल समिति अंतर्गत सब कमेटी के गठन पर विचार-विमर्श किया गया। जिसपर उप विकास आयुक्त हेमंत सती ने सब कमेटि के प्लेसमोंट एवं एनेरप्रेन्योरशिप सेल में परियोजना निदेशक आईटीडीए, एलडीएम तथा डीडीएम नाबार्ड को भी शामिल करने का निर्देश दिया।
अपर समाहर्त्ता ने किन-किन प्रक्षेत्रों में प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण दिया गया तथा बच्चे किन-किन प्रक्षेत्रों में जाने के लए इच्छुक हैं, इसे प्रतिवेदित करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही उन्होंने कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्रों में नामांकन हेतु टाना भगत समुदाय के बच्चों/ युवाओं को भी जोड़ने का निर्देश दिया।