जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में राष्ट्रीय लोक अदालत का किया गया आयोजन

सिमडेगा: एक मंच तले लंबित मामलों का निशुल्क निपटारा करने के लिए न्याय प्रशासन द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन सिविल कोर्ट परिसर में किया गया। सिमडेगा न्याय प्रशासन द्वारा 11 हजार से अधिक मामलों को सामने लाकर समझौता के माध्यम से अंतिम निपटारा करने के लिए राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया।कार्यक्रम का उद्घाटन प्रधान एवं जिला न्यायाधीश रिजवान अहमद, उपायुक्त सिमडेगा आर रोनिटा , एसपी सौरभ कुमार और अध्यक्ष बार एशोसियेशन बंसत प्रसाद द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया. एडीजे ने लोक अदालत के फायदे और इसमें शामिल नए कानूनी प्रक्रियाओं की गहराई से जानकारी देते हुए कहा कि सस्ता और सुलभ न्याय देने के उद्देश्य से लोक अदालत की शुरूआत सन 1982 में गुजरात में किया गया था। उन्होंने बताया कि जिस तरह पूर्वजों के समय पंचों के द्वारा आपसी समझौता कर मामले सुलझाए जाते थे, उसी का आधुनिक रूप ये लोक अदालत है.

जहां निशुल्क समझौता करने लायक मामलों का त्वरित निपटारा आपसी समझौते करा कर किए जाते है. उन्होंने कहा कि लोक अदालत के फैसले पर फिर कहीं अपील नहीं होती है, यह अंतिम न्याय होता है।कार्यक्रम में उपायुक्त ने कहा कि ये एक अवसर है जहां आपको सुलभ तरीके से न्याय मिलता है। उन्होंने कहा यहां न्यायालय के माध्यम से एक मौका दिया जाता है जहां खुद पदाधिकारी और सरकार के विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधि आपको आपकी परेशानी दूर करने के लिए समझौते के तहत मामलों का निपटारा करते हैं। उपायुक्त ने कहा यहां बैंक आदि आपको एक अवसर देते हैं जहां आप लंबे समय से फंसे लोन के मामलों का निपटारा समझौते के तहत कर सकते है। यहां बैंक अपने विवेक पर आपको राहत देती है, इस अवसर का लाभ उठा समस्याओं को खत्म करने वाला हीं समझदार होता है.

उन्होंने कहा समझदार बने और लोक अदालत का लाभ उठाइए।पीडीजे ने कहा आज राष्ट्रीय लोक अदालत के तहत विभागवार अलग-अलग पांच बैंच को बैठा कर लंबित मामलों को आपसी समझौतों के तहत निपटारा किया जा रहा है। इसका लाभ उठाएं, उन्होंने कहा लोक अदालत को लेकर और जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है जिससे लोग अधिक से अधिक इसका लाभ ले सकें।विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव सह सीजेएम आनंद मणि त्रिपाठी ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए 11 हजार से अधिक मामलों का चयन किया गया है। लक्ष्य है कि अधिक से अधिक मामलों का निष्पादन किया जाए।उन्होंने कहा सिमडेगा जैसे आदिवासी क्षेत्र जहां जागरूकता के अभाव के साथ-साथ गरीबी भी हावि है, लोक अदालत में मामलों का निशुल्क निपटारा कर न्याय देना किसी वरदान से कम नहीं है।इस मौके पर कोरडुला डूंगडुग नामक महिला को 887871 रुपया का ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी के द्वारा चेक दिया गया इसके अलावा मुन्नी देवी नामक महिला को भी 729686 रुपए का नेशनल इंश्योरेंस कंपनी के द्वारा भुगतान कराया गया वहीं साथ ही बताया गया कि नालसा कैंपेन के तहत मंडल कारा सिमडेगा से कुल 6 विचाराधीन कैदियों को भी छोड़ा गया।

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