सिमडेगा:- सिमडेगा कॉलेज सिमडेगा में शनिवार को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के मौके पर कॉलेज के छात्र छात्राओं के बीच स्वास्थ्य विभाग की ओर से जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया जहां पर मुख्य रूप से क्लीनिकल फिजिकोलॉजिस्ट संतु बड़ाईक, सोशल वर्कर शर्मिला बड़ाईक, माधुरी कुमारी, पुष्पेंद्र शर्मा, मोनिका कुमारी, सोनिया कुमारी संदीप कुमार गुप्ता उपस्थित रहे। सन्तु बड़ाईक ने बताया कि डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, आत्महत्या की वजह से हर साल दुनियाभर में आठ लाख से ज्यादा लोग अपनी जान गंवाते देते हैं। डब्ल्यूएचओ का यह भी कहना है कि आत्महत्या करने वालों में ज्यादातर 15-29 साल के लोग शामिल हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि आत्महत्या करने वालों में ज्यादातर किशोर और युवा उम्र के लोग हैं। साल 2003 में विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस मानाने की शुरुआत इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर सुसाइड प्रिवेंसन ने की थी। वर्ल्ड सुसाइड प्रिवेंशन डे को प्रायोजित फेडरेशन फॉर मेंटल हेल्थ और वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन द्वारा किया जाता है।

बच्चों के बीच बताया कि
इस दिन को मनाने के पीछे का उद्देश्य यही है कि लोगों को आत्महत्या करने से रोका जा सके। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य सुसाइड करने वाले लोगों के व्यवहार पर शोध करना, लोगों के अंदर जागरूकता लाना और इसका पूरा डेटा भी जमा करना है। साथी बताया गया कि कभी भी मरीज को अकेला नहीं छोड़ना है मरीज से बात करता था गंभीरता से उनकी बातों को लेनी है नासा पांच से पूरी तरह से दूर रहना है संतुलित भोजन एवं अच्छी नींद लेनी है दोस्त का परिवार को ज्यादा समय देनी है संगीत सुनना है तथा योगा मेडिटेशन करनी है ताकि आत्महत्या को रोका जा सके।