सिमडेगा:- जिले भर में जीवित्पुत्रिका पर्व को लेकर रविवार को उत्साह चरम सीमा पर रही महिलाएं सुबह से ही निर्जला व्रत करते हुए इस व्रत की तैयारी में जुटे हुए रहे रविवार को जिले में जीवित्पुत्रिका का व्रत धूमधाम से मनाया गया। सिमडेगा शहरी क्षेत्र के ठाकुर टोली, नीचे बाजार ,कुंजनगर पावर हाउस, सामटोली सलडेगा सहित अलग-अलग जगहों पर विधि विधान से पूजा किया गया। इस दौरान सिमडेगा थाना मंदिर में महिलाओं के द्वारा पूरे विधि विधान के साथ पंडित सोमनाथ मिश्र के द्वारा पूजन कराया गया ।हालांकि की अष्टमी तिथि पर होने वाले व्रत के कारण इस बार जितिया पर्व दिन में ही संपन्न हुआ। पुजारी सोमनाथ मिश्र ने बताया जीवित्पुत्रिका व्रत को जितिया या जिउतिया या जीमूत वाहन का व्रत आदि नामों से जाना जाता है। इस दिन माताएं विशेषकर पुत्रों के दीर्घ, आरोग्य और सुखमय जीवन के लिए यह व्रत रखती हैं।मान्यता है कि ये व्रत रखने से संतान दीर्घायु होती है। ये व्रत निर्जला रखा जाता है। ये व्रत आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन किया जाता है।

जीवित्पुत्रिका या जितिया का व्रत संतान की लंबी उम्र और उसकी मंगल कामना के लिए किया जाता है। माना जाता है कि जो मां ये व्रत रखती है, उसकी संतान को जीवन में किसी तरह का दुख नहीं उठाना पड़ता है और उसके घर में हमेशा सुख-शांति बनी रहती है।जो भी महिला इस व्रत की कथा सुनती है उसे कभी भी अपनी संतान के वियोग का सामना नहीं करना पड़ता है।यह व्रत तीन दिनों का होता है। पहला दिन नहाए खाए कहलाता है।दूसरा दिन जितिया निर्जला व्रत और तीसरे दिन यानी आज इस व्रत का विधिनुसार पारण किया जाएगा। यह जीवित्पुत्रिका व्रत का अंतिम दिन होता हैं। जिउतिया व्रत में कुछ भी खाया या पिया नहीं जाता, इसलिए यह निर्जला व्रत होता है।व्रत का पारण अगले दिन प्रातः काल किया जाता है, जिसके बाद आप कैसा भी भोजन कर सकते हैं। जिउतिया व्रत का पारण करने का शुभ समय शुक्रवार की सुबह सूर्योदय से लेकर दोपहर 12 बजे तक रहेगा। व्रती महिलाओं को जिउतिया व्रत के अगले दिन सोमवार को यानी आज 12 बजे से पहले पारण करना होगा। इसके अलावा जलडेगा कोलेबिरा ,बानो कुरडेग, पाकरटांड,बोलबा,ठेठईटांगर सहित प्रखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में ही बड़े विधि विधान के साथ माताओं ने अपने पुत्र की लंबी आयु की कामना को लेकर जीवित्पुत्रिका व्रत किया।