चापाकाल मरम्मत करने आए मिस्त्रियों ने गांव वालों से मांगा “देसी मुर्गा”….मना करने पर पाइप खोल भागे

15 दिन बाद भी नहीं बना नल, पेयजल संकट से जूझ रहे हैं लोग

जलडेगा: प्रखंड के पतिअम्बा पंचायत अंतर्गत किनीरकेला भुकू टोली में एक खराब चापाकल को मरम्मत करने आए मिस्त्रियों की मांग को पूरा नहीं करने पर गांव वाले पिछले कई महीने से जल संकट से जूझ रहे हैं। नल से आश्रित परिवारों को अब कई किलोमीटर दूर से पानी लाने के लिए जाना पड़ रहा है। गांव के दिलीप लुगुन, संजय लुगुन, किरता लुगुन, बिनोद लुगुन, मातिलडा लुगुन, सुशानी लुगुन आदि ग्रामीणों ने बताया कि 15 से 20 दिन पूर्व गांव के खराब नल को बनाने के लिए मिस्त्री आए थे, मिस्त्रियों ने नल को बनाने के एवज में ग्रामीणों से एक देसी मुर्गा का मांग किया, मिस्त्रियो ने कहा की मुर्गा मिलेगा तभी नल बनेगा। हालाकि ग्रामीणों ने बात को मजाक में लिया और इसपर ध्यान नही दिया और नल को ठीक करने को कहा। ग्रामीण कुछ समझ पाते इससे पहले मिस्त्रियों ने देसी मुर्गा नहीं देने के कारण नल का सारा पाइप को खोल कर बाहर रख दिया और भाग गए। ग्रामीणों को लगा एक से दो दिन में बन जायेगा। राह ताकते ताकते  आज 15 से 20 दिन गुजर गए लेकिन अभी तक मिस्त्रियों ने नल को नहीं बनाया। जिसके कारण गांव वालों को कई किलोमीटर दूर एडेगा से पानी लाने के लिए जाना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव में सप्लाई पानी का पाइप भी अभी तक नहीं पहुंचा है। और उनकी समस्याओं को सुनने वाला भी कोई नही है।

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