बानो – सिमडेगा में एक बार फिर से अपराधियों की चहलकदमी देखने को मिला है ।बीती रात हटिया -बंडामुंडा रेलखंड के कनारोवा रेलवे स्टेशन में हथियार बन्द अपराधियों ने निर्माण कार्य में लगे जेसीबी मशीन को आज के हवाले कर दिया इधर आज के हवाले करने के बाद धुंधु कर जब आज की लपेट उठने लगी तो आसपास के लोगों की नजर पड़ी और उसकी सूचना तत्काल पास के थाना एवं निर्माण कार्य करने वाली कंपनी को दी गई गौरतलब हो कि हटिया -बंडामुंडा रेल खण्ड पर इस समय रेलवे लाइन का दोहरी कारण का कार्य चल रहा है। जंगलो में पत्थर तोड़ाई व मिटी कटाई के साथ साथ जमीन तैयार की जा रही हैं। इस कार्य मे कई गाड़ियां व मशीन लगे हुए हैं कनारोवा स्टेशन के ठीक सामने रखे जेसीबी को जला दिया गयाआग की धधक सुबह तक मौजूद थे। घटना रात्रि एक बजे की बताई जा रही है।घटना के बारे में उग्रवादियों ने पर्चा छोड़कर जिम्मेदारी ली है।पंडित नामक उग्रवादी ने हस्तलिखित पर्चा छोड़कर घटना की जिम्मेवारी ली है। जिस पर उन्होंने लिखा है कि कार्य की अनुमति नहीं लेने की वजह से इस घटना को अंजाम दिया गया है इधर मामले की जानकारी मिलने पर सिमडेगा एसपी सौरभ , रेलवे के आरपी एफ इंस्पेक्टर बिजय कुमार पांडे ,बानो थाना इंस्पेक्टर व थाना प्रभारी सहित अन्य अधिकारी कनारोवा स्टेशन पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया। एसपी सौरभ ने कहा है कि मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए सभी बिंदुओं पर बारीकी से छानबीन की जा रही है और इस मामले में शामिल आरोपियों को सिमडेगा पुलिस जल्द से जल्द गिरफ्तार कर लेगी गौरतलब हो इससे पूर्व में भी जलडेगा ओड़गा क्षेत्र में इसी प्रकार निर्माण कार्य में लगे गाड़ियों को जलाया था जिस मामले में पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।सूत्रो की माने तो कनारोवा में अपराधियों द्वारा इस तरह की घटना को अंजाम देना कहीं न कहीं लेवी का मामला दिखता है।नही तो सुनसान जंगलो में दिन भर कार्य किया जाता है।स्टेशन क्षेत्र में आग के हवाले घटना को अंजाम देना कि हमे बिना जानकारी के कार्य कैसे हो रहा है। कार्य आज से हो रही हैं यह बात भी नही है। रेलवे दोहरीकरण का कार्य पिछले कई वर्षों से चल रहा है सिर्फ अपनी धमक दिखाने के लिये घटना को अंजाम दिया गया बानो थाना क्षेत्र का कनारोवा क्षेत्र पहले घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र रहा है।बानो प्रखण्ड मुख्यालय कनारोवा तक जाने के लिये एक मात्र सड़क मार्ग जराकेल से होकर है।ऐसे में कथित उग्रवादियों को पास के जंगलों पनाह मिल जाता है। ये जंगल बानो प्रखण्ड से उड़ीसा सीमा व सिंहभूम तक फैला हुआ है।कनारोवां ग्राम दक्षिण व पश्चिम दिशा में देवनदी से घिरा हुआ है। एक बार इस घटना से पुनः कनारोवा, बिंतुका पंचायत में दहशत का माहौल है।
