जलडेगा: प्रखण्ड के टिनगीना पंचायत अंतर्गत ढोडीबहार बिल्होर डेरा के ग्रामीण पेयजल की गंभीर समस्या से जुझ रहे हैं। गांव के ग्रामीण लम्बे समय से डाडी चुंवा (डोभा) का पानी पीने को विवश हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि पेयजल की समस्या को लेकर ना तो पंचायत के जनप्रतिनिधि और ना ही प्रखण्ड प्रशासन चिंतित है। ढोडीबहार बिल्होरडेरा में पेयजल की गंभीर समस्या 15वें वित्त एवं पेयजल विभाग से बड़े पैमाने में बनने वाली जलमीनार योजना के लिए सवालिया निशान है वहीं सरकार द्वारा शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की दावों की हकीकत उजागर कर दी है। ग्रामीण सावित्री देवी, सुरेखा देवी, सुमित्रा देवी, सुनीता देवी, रुसिला देवी, फूलमती देवी, सेनकु गोहियर, ललित गोहियर, रोहित गोहियर, सुकरा गोंड़ राजेश गोंड कहते हैं कि गांव में एक चपाकल बर्षो से खराब पड़ा है इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है, दो कुआं भी है लेकिन पीने योग पानी नहीं है वहीं दिसंबर के अंत तक सभी कुंवे पुरी तरह सुख जाते हैं जिसके बाद पेयजल की समस्या विकराल हो जाती हैं एवं पानी के लिए दूसरे गांव जाना पड़ता है। पेयजल के लिए गांव में एकमात्र खेत में चुंआ है, जिससे हमलोगों का प्यास बुझाता है। शिक्षित परिवार बरसाती जमाव पानी होने के कारण पानी को उबालकर पीते हैं एवं कइ ऐसे परिवार हैं जो दुषित पानी का प्रयोग करने के कारण बीमारी की चपेट में हमेशा रहते हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से गांव में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था करने की मांग किया है।
दो साल से नहीं हो रहा बिलिचिंग पाउडर का छिड़काव
बरसात को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग द्वारा डाडी चुंवा, कुप आदि जलाशयों में स्वास्थ्य वर्कर या सहिया के माध्यम से बिलिचिंग पाउडर का छिड़काव किया जाता है जिससे दूषित पानी में फैले किटाणु से बचाव होता था लेकिन विगत दो साल से प्रखण्ड में बिलिचिंग पाउडर का छिड़काव नहीं हो रहा है जिसके कारण कई जगह ग्रामीण गांदा पानी पीने को मजबूर हैं।
