लाखों रुपए से बने जलमीनार गांवों की बढ़ा रहे हैं शोभा, गांव के लोग चुवा का प्रदूषित पानी पीने को मजबूर

जलडेगा :प्रखंड के बाड़ीबृंगा डांग टोली में प्रशासनिक अनदेखी के कारण ग्रामीण चुवा का प्रदूषित पानी पीने के लिए अभिशप्त हैं। यह परेशानी पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण परिवारों के लिए बनाए गए सोलर जलमीनार के खराब हो जाने से हुई। डांग टोली अनुसूचित जाति बहुल गांव है यहां सिर्फ आदिवासी लोग रहते हैं। इनका मुख्य पेशा मजदूरी करना है। जल मीनार खराब होने के कारण यहां के परिवारों को पेयजल के लिए बीस फीट गहरी खाई के नीचे खेत में बने एक चुवां से पानी लाना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि यह पानी काफी प्रदूषित है परंतु विभागीय लापरवाही और मिलीभगत के कारण ग्रामीण गंदा पानी पीने के लिए मजबूर हैं। गांव के सुरेश लुगून, सुबल बड़िंग, मुकूट बड़िंग,  प्रेमदान बडिंग, अरूण बड़िंग कहते हैं कि छः माह पहले गांव में जल मीनार लगने से लोगों को पानी का समस्या से निजात मिला था, किंतू आज से तीन माह पहले निर्माण एजेंसी के लोग स्टार्टर को खोलकर ले गए हैं, तब से जल मीनार बंद पड़ा है। ग्रामीणों का आरोप है कि मशीन ले जाने के बाद न तो किसी का फोन आया न ही ले जाने का कारण बताया गया। जलमीनार में किसी का नंबर तक नही लगा है ऐसे में ग्रामीण फोन करें भी तो किसको? जलडेगा के गांवों में जल जीवन मिशन योजना पुरी तरह फेल है। जलमीनार निर्माण एजेंसी बड़े पैमाने पर जलमीनार की स्थापना कर तो रही है लेकिन सभी आधी-अधूरी या खराब।

जलडेगा प्रखंड के लिए पदस्थापित जेई जिले के कोलेबिरा से ही देखरेख करते हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि शायद ही विभागीय जेई को गांव में देखा गया हो। मामले पर जेई कुन्दन कुमार से बात करने पर कहा कि स्टार्टर खराब था, बन जाएगा। मामले को ज्यादा हाईलाइट करने की जरूरत नही है।

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