सिमडेगा:विधायक भूषण बाड़ा ने कहा कि दादा-दादी, नाना-नानी सभ्य समाज का निर्माण करते है। हमारे बच्चों को अच्छी संस्कार देते हैं। बच्चे अपने दादा-दादी, नाना-नानी के साथ समय बिताएं। सभ्य समाज में परिवार की व्याख्या हम दो हमारे दो तक सीमित नहीं रहती। बल्कि दादा-दादी परिवार के मुखिया होते हैं। विधायक केन्द्रीय विद्यालय सिमडेगा में गुरुवार को आयोजित दादा-दादी, नाना-नानी दिवस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के रुप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर किया। इसके बाद बच्चों ने स्वागत गीत के साथ ही भावपूर्ण नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। बच्चों ने विभिन्न कार्यक्रम की प्रस्तुति से खूब तालियां बंटोरी। मौके पर विधायक ने विद्यालय द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम की सराहना करते हुए विद्यालय एवं बच्चों से बुजुर्गों को जोड़ने के लिए सराहनीय कदम बताया। उन्होंने कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए बुजुर्गों के प्रति सम्मान के भाव को नैतिक और सामाजिक विकास के लिए आवश्यक बताया। उन्होंने कहा कि सही मायने में दादा-दादी और नाना-नानी समाज के प्राण हैं। हमारे दादा-दादी, नाना-नानी बोझ नहीं, समाज के अनुभवी स्तंभ हैं। ये समाज की अमूल्य विरासत हैं।दादा-दादी, नाना-नानी के आचरण से समाज के बच्चे काफी कुछ सीखते हैं। ऐसे में उन्हें विरासत के रूप में संभाल कर रखना चाहिए। मौके पर प्रधानाध्यापिका प्रफुलित लकड़ा ने स्वागत भाषण दिया। साथ ही विधायक सहित अन्य अतिथियों को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में 20 सूत्री उपाध्यक्ष मनोज जायसवाल, नगर विधायक प्रतिनिधि मो.शकील अहमद, विधायक प्रतिनिधि मो. अख्तर खान, विधायक प्रतिनिधि शीतल एक्का आदि उपस्थित थे।
