सरकार द्वारा खरीदारी शुरू नहीं होने की वजह से औने पौने दाम पर बेचने पर मजबूर
विकास साहू
सिमडेगा: झारखंड के दक्षिणी छोटा नागपुर प्रमंडल में चारों ओर जंगल पहाड़ से घिरा हुआ सिमडेगा जिला। कल कारखाने फैक्ट्री ना रहने की वजह से जंगलों पर निर्भर रहने का यहां की अर्थव्यवस्था बहुत बड़ा मायने रखती है। ऐसे में वन उत्पाद इस क्षेत्र की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है उन्हें में से एक है महुआ की फसल जो इस क्षेत्र के जंगलों में भरपूर मात्रा में पाई जाती है और जिसकी वजह से ग्रामीण जंगल क्षेत्र में रहने वाले लोग विशेष निर्भर रहते हैं। मार्च के शुरू महीने से ही जंगली क्षेत्र में महुआ गिरना शुरू हो जाता है और चारों तरफ महुआ बिखरा हुआ रहता है जिसे चुनने के लिए सुबह 4:00 बजे के बाद सही ग्रामीण क्षेत्र के लोग अपने घर से पूरे परिवार के साथ निकल कर जंगल क्षेत्र में जाकर महुआ चुनने लगते हैं । बताया जाता है कि महुआ चुनने के दौरान आपसी रिश्ता भी प्रगाढ़ होता है ।इस दौरान सभी सगे संबंधी आसपास के पेड़ों पर महुआ चुनने के दौरान एक दूसरे के साथ मधुर संबंध स्थापित करते हुए महुआ चुनने का कार्य करते हैं।सिमडेगा की बडी आबादी वनोपज पर निर्भर है महुआ यहां आय का सबसे बडा साधन हैं। सिमडेगा में वन उत्पादन के मामले में महुआ विशेष उत्पादन वाला क्षेत्र माना जाता है।
बाजार में उचित दाम नहीं मिलने की वजह से लोग मायूस
वैसे तो सिमडेगा में महुआ का उत्पादन झारखंड के अग्रणी जिला में गिनती होती है, लेकिन इसका सरकारी बाजार उपलब्ध नहीं होने की वजह से किसान अपना चुने हुए महुआ को स्थानीय बाजारों में बेचने का कार्य करते हैं और उचित दाम नहीं मिलने की वजह से उनके अंदर मायूसी का माहौल है। बताया गया कि सिमडेगा में महुआ के लिए कोई ठोस सरकारी बाजार नहीं है ।ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र के लोग अपने नजदीकी बाजार में उसे बेचने लगते हैं।गांव के चन्द्र प्रधान कहते है सुबह 5:00 से चिलचिलाती धूप में दिन के 1:00 तक लगातार पूरा परिवार महुआ चुनने का काम करता है और उसके बाद उसे कई दिनों तक सूखने के साथ उसे तैयार किया जाता है और जब बेचने की बारी आती है तब उचित मूल्य नहीं मिल पाती है जिसकी वजह से निराशा है। उन्होंने सरकार से मांग की की सरकार द्वारा सरकारी मंडी के माध्यम से वन उत्पाद को खरीदारी की जाए जिससे कि लोगों को अधिक से अधिक लाभ मिल सके।

सरकार द्वारा फंड मिलने के साथ ही खरीदारी होगी शुरू:सहकारिता पदाधिकारी
वह इधर इस मामले में जिला सहकारिता पदाधिकारी आत्म अभय से बात की गई तो उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा महुआ के खरीदारी के लिए प्रयास की जा रही है और जिले के कई लैंपस के समिति सदस्यों को इसके लिए प्रशिक्षण दी गई उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से जैसे ही फंड उपलब्ध की जाती है तो सिद्धू कान्हू कृषि एवं वनोपज जिला सहकारी समिति सिमडेगा द्वारा खरीदारी शुरू कर दी जाएगी। हालांकि अभी तक सरकार द्वारा फंड उपलब्ध नहीं कराया गया है जिसका काम राजा जंगल क्षेत्र में रहने वाले लोगों को हो रही है और वह लोग होने औने पौने दाम में बिचौलिए एवं स्थानीय बाजार के लोगों के बीच बेचने को लेकर विवश है।
