सरकार की कल्याणकारी योजनाओं में से प्रत्येक परिवार को पीने के लिए साफ पानी मिल सके इसके लिए सरकार ने हर घर जल योजना शुरू की। इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में जलमीनार लगाकर ग्रामीणों को पीने का पानी उपलब्ध कराया जा रहा है।लेकिन ये योजना धरातल पर साकार होते हुए दिखाई नही दे रही है। कही जलमीनार बना तो है तो कुछ ही दिनों में खराब हो गया । तो कही अधूरा बना के महीनों तक यूं ही छोड़ दिया गया है। जिससे जलमीनार का पानी उपयोग हेतु ग्रामीण तरस जा रहे है। ऊपर से लू भारी गर्मी, इतनी गर्मी में कुँए का पानी भी सुख रहा है।ग्रामीणों को अपनी प्यास बुझाने के लिए दूर दूर से पानी लाना पड़ता है। ऐसे ही एक मामला टिनगिना पंचायत के पीओसोकरा समद टोली का है। इस टोली में 12 परिवार रहते है। उनके पीने का पानी का एकमात्र श्रोत सरकारी चापाकल है। जल जीवन मिशन के तहत उसी एक मात्र चापाकल में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा संवेदक के माध्यम से जलमीनार लगाया गया है। ग्रमीण रोशन समद, एडवर्ड समद, सुशील समद जेवियर समद सहित अन्य लोगों ने बताया कि करीब 5 महीना हो गया है इस जलमीनार से पानी का लाभ ग्रामीण नही उठा पाए है। जब से जलमीनार लगा है तब से अब तक टंकी में एक बूंद भी पानी नही चढ़ा है। वहीं दूसरी ओर संवेदक द्वारा चापाकल को भी खोल के रख दिया गया है। अब आलम यह है कि उन्हें न तो चापाकल से पानी उपलब्ध हो रहा है और न ही जलमीनार से। इस टोले में एकमात्र कुंआं है जो गर्मी में सुख जाता है। पूरा टोला इसी कुंआं के भरोसे अपनी प्यास बुझा रहे है, लेकिन इस कुंआं का पानी भी बस कुछ दिन का मेहमान है। अगर इस टोली का जलमीनार अथवा चापाकल को ठीक नही किया गया तो इस भीषण गर्मी में ग्रामीणों को पानी लाने के लिए इधर उधर भटकना पड़ेगा।
