शिक्षक का कारनामा बच्चों को पढ़ाए जाने वाले पुस्तक को शिक्षक ने कबड्डी के भाव में बेचा

घाघरा:– बच्चों को गुणात्मक शिक्षा मुहैया कराए जाने के उद्देश्य से सरकार अनेको नये नये प्रयोग कर रही है। वहीं घाघरा प्रखंड के दोदांग स्कूल के शिक्षक सरकार के मंसूबे पर पानी फेरने में लगे है। घाघरा के दोदांग स्थित सरकारी स्कूल के शिक्षक शिवकुमार उरांव द्वारा बर्तमान चालू सत्र में पढ़ाये जाने वाले पुस्तक को रद्दी के भाव मे कबाड़ी वाले को बेच दिया गया। घटना का खुलासा तब हुआ जब कबाड़ी वाला किताब से भरे तीन बोरी अपने टीवीएस मोपेड पर लेकर घाघरा की ओर आ रहा था। इसी क्रम में ग्रामीणों ने चांदनी चौक में उक्त कबाड़ी वाले को रोका। इसके बाद तीन बोरी में नई किताब जो सिलेबस के अनुसार चालू सत्र में बच्चों को बांटने के लिए थी। जिसे पारा टीचर शिवकुमार उरांव द्वारा किताब कक्षा एक और दो के बच्चों को न बाटकर अपने फायदे के लिए कबाड़ी वाले से ग्यारह सौ दस रुपए में बेच डाला। हालांकि घटना की जानकारी घाघरा बीडीओ दिनेश कुमार को दी गयी तत्पश्चात पुस्तक को सुरक्षित उसी स्कूल में रखवाया गया।
पुराना किताब था इसलिए बेच दिया पारा शिक्षक
सहायक शिक्षक शिवकुमार उरांव द्वारा दूरभाष पर पूछे जाने पर उसने कहा गया कि उक्त किताब बहुत पुरानी थी और घर में रखा हुवा था, साफ सुथरा के लिए कबाड़ में बेच दिया।
इधर जिला शिक्षा पदाधिकारी कविता खलखो ने पुस्तक रद्दी के भाव कबाड़ी वाले को बेचे जाने के बावत पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि पहले संबंधित शिक्षक से स्पष्टीकरण की माग की जाएगी और फिर आगे की कारवाई की जाएगी।

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