बानो प्रखंड में अवैध बालू निकासी का गोरखधंधा धड़ल्ले से जारी है। इन दिनों बालू माफिया बानो प्रखंड के विभिन्न बालू घाटों पर सक्रिय होकर योजनाबद्ध तरीके से रात के अंधेरे में अवैध बालू का उठाव कर रहे हैं।
इसी कड़ी में रविवार देर रात महाबूआंग थाना क्षेत्र अंतर्गत बेड़ारगी पंचायत के ग्रामीणों ने अवैध बालू से लदे एक हाईवा को पकड़ लिया। बताया गया कि ग्रामीणों द्वारा पूर्व में कई बार बालू माफियाओं को गांव क्षेत्र से बालू निकासी नहीं करने की चेतावनी दी गई थी, लेकिन माफिया ग्रामीणों की बातों को नजरअंदाज कर रात का फायदा उठाते हुए अवैध खनन कर रहे थे।
ग्रामीणों का आरोप है कि बालू माफिया न सिर्फ राज्य के राजस्व को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं, बल्कि स्थानीय लोगों की सुरक्षा और अधिकारों की भी अनदेखी कर रहे हैं। इससे माफियाओं के हौसले पूरी तरह बुलंद नजर आ रहे हैं। वहीं, पूरे मामले में जिला खनन विभाग की चुप्पी पर भी गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इतनी शिकायतों के बावजूद विभाग द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही, जिससे खनन विभाग और बालू माफियाओं की मिलीभगत की आशंका गहराती जा रही है।
ग्रामीणों ने पकड़े गए हाईवा को पंचायत भवन में खड़ा कर दिया है और स्पष्ट कर दिया है कि जब तक जिला खनन पदाधिकारी स्वयं गांव पहुंचकर हाईवा को जब्त नहीं करते, तब तक वाहन को छोड़ा नहीं जाएगा। इस घटना के बाद बानो प्रखंड के बालू माफियाओं में हड़कंप मच गया है।
सूत्रों के अनुसार, बड़े बालू माफिया क्षेत्र में छोटे ट्रैक्टर मालिकों को बालू उठाव की अनुमति नहीं देते और आए दिन उन्हें खनन विभाग के माध्यम से पकड़वाया जाता है। इससे छोटे ट्रैक्टर मालिकों में भी भारी रोष व्याप्त है।
ग्रामीणों ने बताया कि कोयल नदी के बिरनी बेड़ा एवं लताकेल घाट से प्रतिदिन दर्जनों हाईवा द्वारा अवैध बालू उठाव किया जा रहा है। इस संबंध में खनन विभाग को जानकारी दिए जाने के बावजूद अब तक कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई है।
इस पूरे मामले को लेकर ग्रामीणों ने बैठक आयोजित की, जिसमें बालू घाटों पर ग्राम सभा के नियंत्रण की मांग की गई। ग्रामीणों का कहना है कि वर्तमान में बालू घाटों पर माफियाओं का कब्जा है, जिसे हटाया जाना आवश्यक है। बैठक में बेड़ारगी पंचायत की मुखिया हेलेन तथा सांसद प्रतिनिधि अजीत कुंडलना भी उपस्थित रहे।
