जलडेगा: प्रखंड मुख्यालय से लगभग 8 किमी दूर सावनाजारा गंझू टोली के ग्रामीण कई वर्षों से पानी के लिए एक खेत में बने चुआं पर ही निर्भर हैं। पानी की समस्या से जूझते लोग प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से नाराज भी हैं। लोगों का कहना है कि उनकी समस्याएं कभी मुद्दा नहीं बनती हैं। लोग बताते हैं कि सालों पहले शुरू में यह चुआं इतना गहरा नहीं हुआ करता था। बाद में उसका जलस्तर कम होने पर लोगों द्वारा खुदाई करते-करते अब इसकी गहराई लगभग 8 फीट तक पहुंच गई है। ग्रामीणों की मानें तो टोली के 8-10 परिवार खेत में बने चुआं का गंदा पानी पीने को मजबुर हैं। लोग बताते हैं कि पानी की समस्या को लेकर उनकी सुध लेने की जहमत न तो प्रशासन ने की और न ही अभी तक किसी जनप्रतिनिधि ने नहीं उठाई है। जिसके कारण ग्रामीण अब किसी से उम्मीद नहीं रखते हैं। अब तो पानी के लिए चुआं के भरोसे रहना ही उनकी नियति बन गई है।गांव की महिला अमृता देवी, सरस्वती देवी, लखमी देवी, जानकी देवी, बासमोतो देवी सहित कई महिलाओं का आरोप है कि उनका गांव को आदर्श गांव का दर्जा देकर जनप्रतिनिधि से लेकर प्रशाशन तक सिर्फ उनके गांव जाकर फोटो खिंचवाते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि उनके गांव में जब भी कोई बड़े लोगों का आगमन होता है तो उनकी उम्मीद जाग जाती है, लेकिन आज भी ऐसा कोई व्यक्ति नहीं मिला जो ग्रामीणों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने का भरोसा दिला सके। ऐसा नहीं है कि ग्रामीणों ने समस्या के समाधान के लिए प्रयास नहीं किया। गांव की महिलाओं ने कहा की उनके द्वारा पंचायत से लेकर प्रखंड कार्यालय और यहां तक कि उपायुक्त के जनता दरबार में भी लिखित आवेदन दिया जा चुका है लेकिन फिर भी आज तक पेयजल की समस्या का समाधान नहीं हो पाया।
