जलडेगा:जलडेगा के लमडेगा में गेल इंडिया लिमिटेड द्वारा बनाए जा रहे स्टेशन पर काम करने वाले मजदूरों को न्यनूतम मजदूरी नहीं दिया जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार स्थानीय ग्रामीणों द्वारा प्रखंड श्रमिक मित्र को शिकायत मिली थी कि गेल इंडिया द्वारा पूरा आठ घण्टे काम कराने के बावजूद भी असंगठित मजदूरों को श्रम विभाग द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी नहीं मिलता है। जिसके बाद प्रखंड श्रमिक मित्र द्वारा शिकायत की जांच की गई तो पता चला कि गेल इंडिया मजदूरों कि मजबूरी का फायदा उठा रहा है। काम करने वाले असंगठित मजदूरों ने बताया कि उन्हें पूरे आठ घण्टे काम करवाया जाता है और मात्र 200 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी भुगतान किया जाता है। वहीं निर्माण कार्य में कस्तूरबा विद्यालय में पढ़ने वाली नाबालिग लड़कियों से भी काम लिया जा रहा था। पूछने पर बताया गया कि स्कूल छुट्टी है इसलिए काम कर रहे हैं। वहीं महिला मजदूरों ने यह भी कहा कि कार्य स्थल में महिलाओं के लिए टॉयलेट तक की भी सुविधा नहीं है, काम के दौरान अगर किसी को शौच आदि जाना हो तो महिलाओं को जंगल जाना पड़ता है। यहीं नहीं मजदूरों के द्वारा बताया गया कि कार्य स्थल में प्राथमिक उपचार हेतु मेडिकल किट तक भी सुविधा नहीं है।
क्या कहना है गेल इंजीनियर का
मजदूरों की समस्याओं को लेकर जब ठेकेदार अमर साई से बात करने की कोशिश की गई तो गेल इंडिया के इंजीनियर आदित्य मिश्रा द्वारा बताया गया कि उन्हें न्यनूतम मजदूरी की जानकारी ही नहीं है, और ना ही उनके संज्ञान में कस्तूरबा विद्यालय के बच्चों से काम कराने का मामला आया था। जब महिलाओं के लिए टॉयलेट और प्राथमिक उपचार किट, मजदूरों को दी जाने वाली सेफ्टी किट के बारे में पूछा गया तो उन्होंने चुप्पी साध ली। इधर मामले कि जानकारी होते ही गेल के अधिकारियों ने कस्तूरबा की बच्चियों को काम में नहीं आने को कहा है और कार्यस्थल में प्राथमिक उपचार किट भी उपलब्ध करा दिया गया है। लेकिन यहां एक सवाल और है कि क्या मजदूरों को श्रम विभाग द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी दर मिलेगा।
