बानो : प्रखण्ड के जामताई पंचायत में 1954 में बने पटाटीरिल डेम इस वर्ष हुई हल्की बारिश में ही डेम दीवार से लगी मिट्टी का कटाव अधिक होने से डैम बहने की सम्भावना बढ़ गई है।जामताई पंचायत के वर्तमान मुखिया नामजन जोजो ने बताया कि डेम के पानी से जामताई एवं डैम से सटे रायकेरा पंचायत के लगभग 250 एकड़ जमीन में लगे धान की फसल की सिंचाई होती है , एवं इससे 20 से 25 किसानों की खेती होती है विदित हो कि विगत 3 वर्ष पहले डैम के पास पुल बनाते समय डैम की मिट्टी कटाव को रोकने की समुचित ब्यवस्था नही होने से ऐसी स्थित उत्तपन्न हो गई है ,उन्होंने बताया कि भारी वारिश होने पर डैम की दीवार टूटने से पानी का ठहराव खत्म हो जाएगा तथा लगभग 250 एकड़ जमीन की सिचाई नही हो सकेगी ।मालूम हो कि यहाँ 20 से 25 किसानों की धन की खेती प्रभावित होगी ।इस सम्बंध में रायकेरा पंचायत के ग्राम सभा अध्यक्ष घनश्याम सिंह ने बताया कि इस डैम के टूटने से डैम से सटे रायकेरा पंचायत के कुछ गांव के किसानों की खेती प्रभावित होगी ।उन्होंने कहा कि यदि डैम इस बारिश में टूटेगा तो किसानों को काफी क्षति होगी एवं किसानों के सामने भुखमरी की समस्या होगी , लोग पलायन को मजबूर हो जाएंगे।जामताई मुखिया नामजन जोजो एवं घनश्याम सिंह ने जिला प्रशासन की उदासीनता बताते हुए कहा कि क्षेत्र में कई समस्या है जिसका समुचित इलाज नही हो रहा है ।उन्होंने कहा कि जिले का सुदूर गांव प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार बन गया है इन लोगो ने समय से पहले जिला प्रशासन से डैम का पुनर्निर्माण कराने की मांग की है जिससे किसानों की समस्या का समधन हो सके एवं भुखमरी से बचा जा सके।
