सिमडेगा:-विधायक भूषण बाड़ा ने विधानसभा सत्र के माध्यम से सरकार से कासगढ़िया जातियों के उत्थान की मांग की है। विधायक ने कहा है कि क्या यह बात सही है कि कांसीरा/कसेरा जातियों के ख़तियान में कसगढ़िया जाति दर्ज है। जिसके जवाब में बताया गया कि कई रैयतों के ख़तियान में कसगढ़िया जाति दर्ज है। विधायक ने आगे पूछा है कि क्या यह बात सही है कि कंसारी/कसेरा कासगढ़िया एक ही जाति के हैं। जिसपर बताया गया कि पिछड़े वर्गों के लिए राज्य आयोग के पत्रांक-53/पि०, दिनांक- 04-03-2023 द्वारा प्रतिवेदित किया गया है कि कंसारी/कसेरा कासगढ़िया एक ही जाति के हैं अथवा नहीं, यह जांच एवं सर्वेक्षण का विषय है। उन्होंने कहा है कि क्या यह बात सही है कि खतियान आधारित कासगढ़िया जातियों को 1991, 2010, 2017 ई में कसेरा जाति, पिछड़ी जाति का प्रमाण पत्र निर्गत किया गया है। परंतु ऑनलाइन माध्यम में इन जातियों का जाति प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहा है। जिस कारण कासगढ़िया जाति सभी प्रकार के सरकारी लाभ से वंचित है। जिसपर सरकार द्वारा बताया गया कि कसेरा जाति झारखंड राज्य के पीछे वर्गों की सूची के क्रमांक 20 पर सूचीबद्ध है।

जबकि कासगढ़िया जाति झारखंड राज्य के पिछड़े वर्गों की सूची में सूचीबद्ध नहीं है। तदनुसार कसेरा जाति के लोगों को पिछड़ा वर्ग आरक्षण उन्नाव अनुमान है। विधायक ने सरकार से कासगढ़िया जाति के उत्थान हेतु सरकारी गजट की सूची में कासगढ़िया को भी शामिल करने के संबंध में सवाल पूछा है। जिसके जवाब में बताया गया कि कासगढ़िया जाति को झारखंड राज्य की सूची में दर्ज करने हेतु आयोग की प्रक्रिया अनुसार विधिवत आवेदन प्राप्त होने पर सुनवाई एवं स्थानीय जांच कर झारखंड राज्य के पिछड़े वर्गों की सूची में सूचीबद्ध करने हेतु आयोग के पत्रांक 262/पि, दिनांक- 21-09-2021 द्वारा विहित प्रश्नावली में जाति सम्बंधी सूचना भरकर नोटरी पब्लिक के शपथ पत्र के साथ सम्बंधित जाति के जाति प्रतिनिधियों में से किसी को आवेदन बनाकर आवेदन उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया है तथा प्रसंग में स्मारित भी किया गया है। आयोग से इस संबंध में किसी प्रकार की अनुशंसा प्राप्त होने पर विचारोप्रांत अग्रतर करवाई हेतु निर्णय लिया जा सकेगा।