सिमडेगा:जिला विधिक सेवा प्राधिकार, सिमडेगा के तत्वावधान में सोमवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकार, सिमडेगा के कार्यालय में पीएलवी के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें सिमडेगा जिला के सभी पीएलवी उपस्थित थे।मौके पर सर्पदंश के पीड़ितों को इलाज एवं मुआवजा के विषय में चर्चा की गई। डालसा सचिव मनीष कुमार सिंह के द्वारा बतलाया गया कि क्षेत्र के किसी भी व्यक्ति को यदि सर्पदंश होता है तो उसे त्वरित ईलाज हेतु किसी नजदीकी उपचार केंन्द्र / अस्पताल में ले जाएं। ऐसी परिस्थिति में सर्पदंश की स्थिति में एक एक पल महत्वपूर्ण है, लोगों को ओझा – गुणी झाड़-फूंक के पास न जाकर चिकित्सीय उपचार का सहारा लेना चाहिए। सर्पदंश से मृत पीड़ित को सरकार के द्वारा मुआवजा राशि प्रदान की जाती है। इस आशय का आवेदन यथा संभव प्रखण्ड कार्यालय में समर्पित करें। प्रभात कुमार श्रीवास्तव ने डायन प्रथा प्रतिषेध अधिनियम 2001 पर चर्चा किया। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि किसी भी औरत को डायन शब्द से पहचान करना एक दण्डनीय अपराध है जिसके तहत् पहचानकर्ता या वह व्यक्ति जो डायन कहता है उसके उपर कड़ी कार्रवाई की जा सकती है जिसके तहत् 6 माह की अवधि के लिए कारावास अथवा 2000/- तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। हम सभी का यह प्रयत्न होना चाहिए कि समाज मे व्याप्त इस कुप्रथा को जड़ से समाप्त करने का प्रयास करें और ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसके प्रति जागरूक करें। कार्यशाला में सुकोमल अस्सिटेंट एलएडिसीएस, पीएलव खुशमारेन तिग्गा, मदन दास, शीतल प्रसाद, विष्णु प्रसाद लक्ष्मी कुमारी आदि उपस्थित थे।
