सिमडेगा- जिले के सभी प्रखंडो मे एनीमिया एवं कुपोषण निवारण के लिए समर अभियान का कार्यक्रम 30 दिसंबर से लगातार चलाया जा रहा है जिसमें जन्म से 6 माह के बच्चों, छः माह से 5 वर्ष के बच्चे, 5 वर्ष से 9 माह के बच्चे, 10 वर्ष से 19 वर्ष के किशोरीयो, 19 वर्ष से 24 वर्ष के युवती, सभी धात्री महिलाएं एवं गर्भवती महिलाओं का जांच घर-घर जाकर आंगनवाड़ी सेविका, स्वास्थ्य सहिया एवं जेएसएलपीएस के सखी दीदीयो के द्वारा किया जा रहा है साथ ही कुपोषित मिले बच्चों को कुपोषण उपचार केंद्र में भर्ती की जा रही है।
अनुमंडल पदाधिकारी ने समर अभियान की समीक्षा बैठक की। जिले में कुपोषण की समस्या से निपटने के लिए समर अभियान की शुरूआत की गई है। अभियान का उद्देश्य एनीमिया से पीड़ित महिलाओं और कुपोषित बच्चों की पहचान करना और इस समस्या से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए सभी विभागों के साथ समन्वयय स्थापित करते हुए कार्य किया जा रहा है।
समर अभियान का कार्यक्रम 1000 दिनों के लक्ष्य के साथ लॉन्च किया गया है तथा कुपोषण और एनीमिया से निपटने में हुई प्रगति को ट्रैक करने के लिए सर्वेक्षण का कार्य किया जा रहा है।
उन्होंने सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी एवम्ं सभी महिला सुपरवाईजर को निदेश दिया की 25 जनवरी से पूर्व सभी घरों का सर्व शत् प्रतिशत पूर्ण किया जाए साथ ही VHSND सत्र के दौरान मिले कुपोषित बच्चों को कुपोषण उपचार केंद् मे भेजना सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने सभी महिला सुपरवाईजर को बैठक के क्रम मे कहा की चिंहित हो चुके कुपोषित बच्चों की सूची उपलब्ध कराएं
उन्होंने JSLPS के सभी प्रखंड कार्यक्रम प्रबंधक को निदेश देते हुए कहा कि किसी भी परिस्तिथि मे सर्वे हो चुके घरों एवम्ं संबंधित डाटा को समर एप्प पर 25 जनवरी तक एंट्री करना सुनिश्चित करेंगे।
समीक्षा के क्रम में जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक JSLPS, सभी महिला सुपरवाईजर, जिला योजना समन्वयक, योजना सहायक, सभी बिपीएम JSLPS व अन्य उपस्थित थें।
