सिमडेगा:- मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बेहतर एवं युवा पीढ़ि के रोजगार सृजन की दिशा में महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में उभर कर सामने आया है। सफलता की इस कहानी में मुंह जुबानि बातों से योजना के लाभार्थी ने योजना के लाभ के बारे मे विस्तृत जानकारी दी। उन्होने व्यवसायिक गतिविधि को शुरू करने में योजना के महत्वपूर्ण योगदान के बारे भी बताया। मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना से न केवल रोजगार के माध्यम खुले है, बल्कि युवा पीढ़ि को व्यवसाय शुरू करने में बल मिल रहा है। अपने जुनून एवं इच्छा अनुसार व्यवसाय तरासते हुए सामाजिक एवं आर्थिक गतिविधि को बढ़ा रहें है। योजना के तहत् अनुदानित दर पर सरकार के द्वारा ऋण उपलब्ध कराई जा रही है।बिनीत मिंज जो कि मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के लाभार्थी है, उन्होने सरकार की योजना का लाभ लेकर 12 लाख रूपये का ऋण लिया। बिनीत मिंज ने बताया कि प्रथम किस्त में 6 लाख रूपये मिले, जिससे मैंने टेन्ट हाउस खोलने के लिए सामग्रीयों एवं उपकरणों का क्रय किया। यथा- टेन्ट का समान, जेरनेटर, डीजे, बर्त्तन, डेग, बाल्टी, टेबल, पर्दा, गेट कपड़ा, पाईप, चेचीस सहित आवश्यक सामग्री का क्रय किया। मुझे माह मई 2022 को योजना का लाभ मिला। अबतक 20 बुकिंग एवं 35 हजार रूपये की कमाई हो चुकी है। उन्होने टेन्ट हाउस व्यवसाय शुरू करने के प्रति अपनी प्रतिक्रिया जाहीर की।

उन्होने बताया कि मैंने व्यवसाय को सरकार के मदद् शुरू किया है, मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना से मुझे व्यवसाय शुरू करने में महत्वपूर्ण सहयोग मिला है। उन्होने बताया कि गांव की आबादी लगभग एक हजार है, जिसमें सभी समुदाय एवं वर्ग के लोग रहते है। गुणवतापूर्ण टेन्ट हाउस की मांग को देखते हुए मैंने योजना का लाभ लेकर अपना टेन्ट हाउस खोला। योजना की जानकारी मुझे प्रचार-प्रसार एवं ठेठईटांगर प्रखण्ड कार्यालय से मिला। स्वंय व्यवसाय को खड़ा किया, सरकार की योजना के मदद् से बेहत्तर किया। योजना का लाभ लेकर मैं काफी खुश हूं और नई सोंच के साथ टेन्ट हाउस चला रहा हूं, जिससे मैं सामाजिक एवं आर्थिक रूप से सशक्त बन रहा हूं। उन्होने कल्याण विभाग को भी धन्यवाद् दिया। ठेठईटांगर प्रखण्ड के विनय डुंगडुंग ने मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना से लगभग 16 लाख का ऋण लिया, और अपना चार पहिया वाहन स्कॉर्पियों गाड़ी क्रय किया। उन्होने बताया कि पहले मैं दूसरे का टैक्सी चलाता था। महिने का दस से 12 हजार रूपये की कमाई होती थी। अब मेरा अपना गाड़ी होने पर, आर्थिक स्थिति पहले के अपेक्षा ज्यादा बेहतर है। योजना के अन्तर्गत 40 प्रतिशत अनुदान पर ऋण की राशि उपलब्ध कराई गई। सरकार के मदद् से अपना व्यवसाय शुरू किया। ममता देवी ने भी पति के व्यवसाय हेतु मुख्यमंत्री रोजगार सृजना योजना से 50 हजार रूपये का ऋण लिया। उन्होने बताया कि योजना के तहत् मिलने वाले ऋण की राशि से वेल्डिंग का दुकान खोला गया। परिवार के कमाई का साधन बेहतर हुआ। जिले में योजना का सफल क्रियान्वयन हो रहा है। पाकरटांड़ प्रखण्ड के सिकरियाटांड़ के डेविड टोप्पो ने भी मुख्यमंत्री रोजगार सृजना योजना से ट्रैक्टर क्रय किया। 10 लाख 96 हजार का ऋण 40 प्रतिशत अनुदान पर लिया। वे इन्टर पास हैं। कम उम्र में उन्होने अपना पहला व्यवसाय खोला, जिसके कारण वे अपने ग्राम में युवाओं के प्रेरण स्रोत बन रहे हैं। उपायुक्त सिमडेगा आर. रॉनीटा के दिशा-निर्देश में मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के सफल क्रियान्वयन की दिशा में धरातल पर कार्य किया जा रहा है। स्वरोजगार हेतु ऋण -सह- अनुदान का लाभ देने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना से ज्यादा से ज्यादा लाभुकों को आच्छादित किया जा रहा है। जिला कल्याण पदाधिकारी सरस्वती कच्छप ने बताया कि मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत् अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक, पिछड़ा वर्ग एवं दिव्यांग वर्ग के व्यक्तियों को ऋण उपलब्ध कराई जा रही है। योजना का सफल क्रियान्वयन सफलता की कहानी के माध्यम से धरातल पर दिख रहा है। आम-जनों से अपील है कि सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का आगे आकर लाभ लें और अपने एवं परिवार के सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति को बेहतर बनायें।