कोरोमियाँ बलसेरा गांव में हरि कथा एवं नगर संकीर्त्तन का किया गया आयोजन

ठेठईटांगर:ठेठईटांगर प्रखंड के कोरोमियाँ पंचायत के बलसेरा गांव में मंगलवार को हरी कथा एवं नगर संकीर्तन का आयोजन किया गया। बताया गया कि इस आयोजन में परमपुज्यपाद त्रिदण्डिस्वामी श्रीमद भक्ति सम्बन्ध शुद्धाद्वैती महाराज जो जगन्नाथ धाम पुरी मठ के मुख्य परमपुज्यपाद त्रिदण्डि श्रीमद् भक्ति सर्वस्व, श्रीपाद श्री हरिदास बहचारी, परमपुज्यपाद शिक्षा गुरु राधानाथ दासाधिकारी प्रभु जी एवं परमपुज्यपाद शिक्षा गुरु मंगल निलय दासाधिकारी प्रभुजी एवं साथ में झारखण्ड के बहुत सारे वैष्णव भक्त कार्यक्रम में उपस्थित हुवे।सर्वप्रथम सभी संत जनों का आरती एवं माल्यार्पण कर स्वागत किया गया एवं सभी संतो के ऊपर पुष्प वर्षा किया गया। साथ ही बलसेरा गांव में ऊपर बस्ती से लेकर नीचे बस्ती तक संत जनों, सभी वैष्णव भक्त गण एवं गांव के सभी श्रद्धालुगण एक साथ मिलकर पूरे गांव में खाली पैर में भ्रमण करते हुवे नगर संकीर्तन किया।

सभी श्रद्धालु पूरी भक्ति मन से नगर संकीर्तन में भारी संख्या में भाग लिए। साथ ही सभी कोई “हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे” के साथ पूरे गांव को भक्तिमय बना दिया गया।इस हरि कथा में आये संतो द्वारा कहा गया कि आज हमें बिना किसी स्वार्थ के भगवान का पूजा अर्चना करने की जरूरत है। जिस तरह से सुदामा बिना किसी लालच के कृष्ण भगवान का सेवा एवं भक्ति करता था उसी तरह से हमलोगों को भी ईश्वर का सेवा करने की जरूरत है। साथ ही उन्होंने भक्ति के प्रकार पर व्यापक प्रकाश डाला। उन्होंने कार्यक्रम में कहा कि भगवान की सेवा लगातार करना वह भी बिना कुछ मांगे यही उत्तम सेवा और भक्ति कहलाता है। अगर कोई ऐसा भक्ति करता है तो उससे भगवान स्वयं ही जो नहीं है उससे पूरा करते हैं साथ ही जो है उसकी सुरक्षा भी करता है।

इसके साथ साथ संतों के द्वारा अनेकों महत्वपूर्ण जानकारी मौके पर दिया गया साथ ही सभी को एकजुट होकर ऐसा हर साल कार्यक्रम करते रहने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा कि ईश्वर का सेवा निरन्तर करने की जरूरत है। हरि कथा समाप्त होने का बाद भव्य भंडारा की भी व्यवस्था किया गया था। कार्यक्रम में आये सभी श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में अशोक बड़ाईक, दुर्गा बड़ाईक, मदन सिंह, पवन दास, गोबिंदा बड़ाईक, बसंत बड़ाईक, कुलदीप सिंह, सुखदेव बड़ाईक, जितेंद्र दास, भोला शंकर दास, परसुतम दास, शिवा पाढ़ी, खीरु सिंह, नवरत्न सिंह, उमेश सिंह, भूपाल सिंह, गोपाल सिंह, अनुज सिंह, विकास सिंह आदि लोगों का महत्वपूर्ण योगदान रहा

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