जलडेगा:-चुनावी समर में वोट के लिए जितने दावे किए जाते हैं और विकास की उपलब्धियों को गिनाते नहीं थकने वाले जनप्रतिनिधियों का तमाम दावा आज इस गांव के लोगों के सामने खोखला है। जलडेगा प्रखंड के टाटी पंचायत के पहार टोली और गिरजा टोली में अभी तक बिजली की चमक नहीं पहुंच पाई है। लेकिन गांव के सभी घरों में बिजली विभाग ने 2020 में ही बिजली मीटर का वितरण कर दिया है। गांव में अभी तक बिजली नही पहुंचने से ग्रामीणों की बिजली देखने की हसरत अधूरी ही रह गई है। जब लोग आज पास के अन्य गांवों में रोशनी देखते हैं तो मन मसोस कर रह जाते हैं। कम केरोसिन मिलने के कारण उनकी दुश्वारी और बढ़ गई है। पहाड़ों से घिरा हुआ यह गांव जलडेगा प्रखंड के टाटी पंचायत के हाथी प्रभावित क्षेत्र अंतर्गत आता है। गांवों में विकास की तमाम योजनाएं पहुंचाने के वादे किए जाते रहे, लेकिन इस अंतिम छोर तक पहुंचने से पहले ही सारी योजनाएं दम तोड़ती रही हैं। जिसके कारण आज भी गांव तक विकास की किरण नही पहुंच सकी है।

गांव के स्वस्ति लुगुन, जोहान लुगुन, दाऊद लुगुन, अरसिक लुगुन, प्रफुल डांग, जेवियर तोपनो सहित कई अन्य ग्रामीणों का कहना है कि कई बार क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों और बिजली विभाग के अधिकारियों और कर्मियों को गांव में बिजली की समस्या के संबंध में अवगत कराया गया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। प्रखंड कार्यालय से करीब 30 से 40 किलोमीटर दूर इस गांव में जल्द अधिकारियों का आना-जाना भी नहीं होता है। इस वजह से भी वे अपनी समस्याओं से अधिकारियों से अवगत नहीं करा पाते हैं। ग्रामीणों की मानें तो वर्ष 2020 में ही गांव में बिजली विभाग ने लगभग 28 घरों में बिजली मीटर बांट दिया है। लेकिन गांव में बिजली का एक खंभा तक नही है। इससे गांव में बल्ब जलाने का सपना साकार नहीं हो सका।
इस गांव के लोग आजादी के 76 वर्ष के बाद भी ढिबरी युग मे जीने को मजबूर हैं। इस गांव में लगभग 28 घर हैं। जिसमें अनुसूचित जाति की बहुलता है। यहां के घरों में आज भी रोशनी के लिए ढिबरी व लालटेन जलता है। आज से दो वर्ष पहले ही सभी घरों में मीटर लगाने के लिए बिजली मीटर उपलब्ध करा दिया गया है। ग्रामीणों ने बताया कि जब पूरे गांव में बिजली का कनेक्शन ही नही हुआ है तो गांव के लोग मीटर कहां लगाएंगे। सभी मीटर घर में रखे रखे धूल फांक रहे हैं।