बोलबा :- बोलबा प्रखंड के लेटाबेड़ा बंडानदी के तट पर स्वयंभू महादेव का भक्तों ने पूजन कीर्तन एवं भंडारे का किया आयोजन । इस मौके ओर बताया गया कि बोलबा मुख्यालय से मात्र 7 किलोमीटर की दूरी पर लेटाबेड़ा गाँव के बंडा नदी के तट पर स्वंयभू भगवान महादेव प्रगट हुए है जहाँ प्रतिदिन पूजा करने के लिए भक्तों की लंबी लाइन लगी रहती है ।इसकी घटना के संबंध में केरसई प्रखंड अंतर्गत डायरटाड़ गांव की महिला विमला देवी ने बताई कि लगभग 2 साल पूर्व स्वयंभू महादेव ने मेरे स्वप्न में आकर कहां की मैं लेटाबेड़ा गांव के झरिया मुख्य पथ के किनारे बसा हुआ हूं । जो कि सुबह उठते ही विमला देवी ने स्वप्न समझकर भूल जाना समझी । मन में सोचा कि यह सिर्फ स्वप्न है और कुछ नहीं | पर परमात्मा को कुछ और ही मंजूर था ।

कुछ दिनों बाद महादेव ने फिर से 2022 के सावन महीने के शनिवार के दिन फिर भक्त विमला देवी के स्वप्न में फिर दर्शन देते हुए कहा कि मैं लेटाबेड़ा गांव के झरिया के पास मुख्यपथ के किनारे बसा हुआ हूं ।जिसके बाद भक्त विमला देवी ने मन बनाया की बार-बार प्रभु स्वप्न में दर्शन दे रहे हैं अब तो मुझे उस जगह जाना ही होगा । जिसके तुरंत बाद विमला देवी ने लेटाबेड़ा गांव के जिस जगह में स्वप्न में महादेव को देखा था उस जगह जाकर देखा तो सच में भू महादेव स्वयं प्रकट हुए हैं । जिसके बाद विमला देवी ने लेटाबेड़ा गांव पहुंचकर तमाम घटनाक्रम को गांव वालों के समक्ष रखा ।इस बात की सूचना पाकर गांव वालों ने तुरंत उस जगह जाकर देखा तो सच में भू महादेव के शिवलिंग एवं नंदी महाराज शेषनाग गणेश जी की विग्रह और कई विग्रोह को साक्षात देखा। जिसके बाद गांव में कौतूहल एवं खुशी की लहर दौड़ पड़ी।वहीं लोगों ने कीर्तन करना शुरू कर दिया।जिसके बाद गांव के पहान पुरोहित रामेश्वर प्रधान के द्वारा विधिवत यथासंभव पूजन अर्चना किया गया।इस बात की खबर आग की तरह पूरे प्रखंड में फैल गई ।

दूर-दूर से लोग स्वयंभू महादेव के समक्ष आकर पूरे भक्ति भाव से कीर्तन एवं पूजन पाठ हवन शुरू कर दिया।महाशिवरात्रि के पावन दिन से ही लोगों का हुजूम भू महादेव के समक्ष भारी संख्या में उमड़ने लगा।जिसके बाद कीर्तन पूजन करते हुए अंत में रविवार को पूरे विधि विधान के साथ भंडारे का भी आयोजन किया गया।इस कीर्तन मंडली एवं विधि विधान में मुख्य रूप से ग्रामीण हीरा प्रधान शुभम प्रधान गजाधर सिंह चंदन कुमार वीरेंद्र प्रधान मुरली प्रधान रामलाल प्रधान सुरेंद्र प्रधान पूरन प्रधान श्यामलाल प्रधान रामेश्वर प्रधान जागेश्वर प्रधान मिनथा प्रधान फेकू प्रधान जोगेंद्र प्रधान आशारू प्रधान सेवक प्रधान जयसिह प्रधान एवं अन्य ग्रामीणों ने अहम भूमिका निभाई।