विधायक आपके द्वार कार्यक्रम के दौरान शहीद की बेटी ने स्थानीय विधायक भूषण बाड़ा को समस्याओं से कराया था अवगत
सिमडेगा
सिमडेगा विधायक भूषण बाड़ा और कोलेबिरा विधायक नमन विक्सल कोंगाड़ी के नेतृत्व में 1987 में श्रीलंका के साथ हुए पवन शांति युद्ध मे शहीद जवान फिदलिस एक्का की बेटी बसंती एक्का ने मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को आवेदन देकर नौकरी की मांग की है। मुख्यमंत्री को दोनों विधायकों ने बताया कि शहीद फिदलिस एक्का 10 अक्टूबर 1987 को श्रीलंका के पिरिविलम में एलटीआई से शान्ति सेना के रूप पर लड़ते हुए शहीद हो गए। पर दुर्भाग्य की बात है कि परिजन उनके अंतिम दर्शन तक नहीं कर पाए। तब से लेकर आज तक वे लोग गुमनामी की जिंदगी ब्यतीत किये। फिदलिस के शहीद होने के 34 वर्ष गुजर जाने के बाद भी उनके परिजनों को किसी ने सुध नहीं ली। साथ ही किसी तरह का कोई सरकारी सुविधा भी नसीब नहीं हुआ।इसके बाद विधायक आपके द्वार कार्यक्रम के तहत गांव पहुंचे स्थानीय विधायक भूषण बाड़ा को इसकी जानकारी दी। साथ ही अपनी पीड़ा बताते हुए किसी एक परिजन को नौकरी देने के लिए पहल करने की मांग की। जिसके बाद विधायक ने पहल करते हुए मुख्यमंत्री से मिलवाने का आश्वासन दिया था। इसी कड़ी में कोलेबिरा विधायक के साथ वे शहीद की बेटी को लेकर मुख्यमंत्री से मिले। इधर पिछले दिन पहले ही डाल्टेनगंज में सीआरपीएफ की 112 बटालियन द्वारा शहीद के गांव में शहीद जवान की प्रतिमा का अनावरण कर सम्मान देने की शुरुआत की गई। जिसका खबर प्रकाशित होने के बाद प्रशासन द्वारा 34 साल बाद फिदलिस का मृत्य प्रमाण पत्र दिया गया। साथ ही उनके परिजन को आवास एवं शौचालय का भी लाभ दिया गया। वहीं प्रशासन द्वारा बसंती को जीएनएम की नर्सिंग करने एवं ट्रेनिंग पूरी करने के बाद नौकरी देने का आश्वासन दिया गया। जिसके बाद बसंती ने किसी तरह जीएनएम की ट्रेनिंग पूरी की। इसके बाद बसंती प्रशासन के समक्ष नौकरी के लिए लगातार गुहार लगाई। पर उन्हें नौकरी नहीं मिली। किसी तरह का उनके पास रोजगार का साधन भी नही है। जिस कारण जीवन बसर करने में काफी कठिनाई हो रही है। विधायकों ने उन्हें स्टाफ नर्स के रूप में नौकरी देने की मांग की है। वहीं मुख्यमंत्री ने भी नौकरी देने की दिशा में सकारात्मक पहल करने का अस्वाशन दिया।

गुमनामी का जीवन गुजारने वाले शहीदों के परिजनों को भी नौकरी देने की रखी मांग
विधायक विक्सल कोंगाड़ी और विधायक भूषण बाड़ा ने मुख्यमंत्री से गुमनामी की जिंदगी जीने वाले शहीदों को भी चिन्हित करने की मांग की। साथ ही चिन्हित कर सरकारी सुविधा का लाभ से वंचित ऐसे शहीद जवानों के परिजनों को भी सरकारी नौकरी देने की मांग की है। विधायकों ने कहा है कि पूर्व की सरकार की लापरवाही के कारण आज भी बहुत से शहीद जवानों के परिजनों को सम्मान नहीं मिल पाया है। साथ ही नौकरी के लिए भी भटक रहे हैं। जिसपर सीएम ने कहा कि शहीद जवानों को सम्मान देने की दिशा में सरकार कृत संकल्प है। ऐसे शहीदों को सम्मान और उनके परिजनों को प्राथमिकता के आधार पर नौकरी दी जाएगी।